नयी दिल्ली, 1 अगस्त (वीएनआई) ऑस्ट्रेलिया ने भारत-चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के भारत के पक्ष का समर्थन करते हुए कहा हैं कि ऑस्ट्रेलिया एल ए सी पर यथास्थिति बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है, इससे तनाव बढ़ेगा और अस्थिरता का खतरा पैदा होगा. भारत में ऑस्ट्रेलिया उच्चायुक्त बेरी ओ फरेल ने यहा एक बयान में यह बात कही.
पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के लिए परोक्ष रूप से चीन की आलोचना करते हुए उच्चायुक्त बेरी ओ फरेल ने पूर्वी लद्दाख के हालात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संयम बरतने का ‘‘आग्रह’’ करता है और तनाव कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करता है, लेकिन उधर उच्चायुक्त के इस बयान में दक्षिण चीन सागर में समुद्रीय गतिविधियों को ले कर व्यक्त की गई चिंता पर आपत्ति जताते हुए भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने कहा कि उच्चायुक्त का बयान तथ्यों से अलग हैं .
ओ फरेल ने यहा एक बयान में कहा, ‘‘जैसा कि मैंने भारत के विदेश मंत्री से कहा कि ऑस्ट्रेलिया यथास्थिति बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। इससे केवल तनाव ही बढ़ेगा और अस्थिरता का खतरा पैदा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि द्विपक्षीय रूप से सहमत सिद्धांतों और मानदंडों ने कई दशकों से सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और अस्थिरता को रोकने में मदद की है।’’
श्री फरेल ने कहा "ऑस्ट्रेलिया दक्षिण चीन सागर में हो रही गतिविधियों पर भी काफी चिंतित है क्योंकि ये अस्थिरता पैदा करने वाले हैं और इस से तनाव बढ सकता हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ गत 23 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर में चीन के गैरकानूनी समुद्रीय दावे को खारिज करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास आपत्ति दर्ज करायी है ’’चीन ने ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण सागर पर दिए बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई है.
भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने ऑस्ट्रेलिया के राजदूत के दक्षिण चीन सागर के बारे में की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनका बयान तथ्यों से अलग है. चीनी राजदूत ने कहा " चीन की दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय संप्रभुता और संचालन करने के अधिकार और हित अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक हैं. यह स्पष्ट है कि कौन शांति और स्थिरता की रक्षा कर रहा है और कौन क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा रहा है और उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है."
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चर्चा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि क्षेत्र को लेकर उनके देश के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘‘देशों को क्षेत्रीय विवादों और प्रतिस्पर्धी दावों को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए. शोभना/ वी एन आई.
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