अमरीका मे एच वन बी वीजा विधेयक पेश होते ही पॉच शीर्ष भारतीय आईटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू महज एक घंटे में 50 हजार करोड़ रूपये गिरी

By Shobhna Jain | Posted on 31st Jan 2017 | विदेश
altimg
नई दिल्ली,३१ जनवरी(वी एन आई) अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में एच1बी वीजा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किये जाने का भारतीय आईटी कंपनियों पर खरब असर पड़ा है, इस खबर के आते ही इन कंपनियो के शेयर धड़ाम से गिर गये. आज महज एक घंटे मे भारत की शीर्ष 5 आईटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू 50 हजार करोड़ तक गिर गई. इसके तहत न्यूनतम 1,30,000 डॉलर वेतन वाली नौकरियों के लिए ही ऐसा वीजा दिया जा सकता है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस विधेयक के कानून बनने पर अमेरिकी कंपनियों के लिए अमेरिका में भारत सहित विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देना मुश्किल हो जाएगा. यह मौजूदा न्यूनतम वेतन स्तर के दोगुना से भी ज्यादा है और इसके लागू होने पर अमेरिकी कंपनियों के लिए अमेरिका में भारत सहित विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देना मुश्किल हो जाएगा. दरअसल, यह पहल डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी वादों और अमेरिकियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की पहल का हिस्सा है. बीएसई के आईटी इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. आईटी कंपनियों जैसे एचसीएल टेक्‍नोलॉजी, इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस, टेक महिंद्रा, माइंडट्री के शेयरों पर बिकवाली का दबाव देखा गया. प्रमुख आईटी कंपनी टीसीएस के शेयर 5.6 फीसदी, टेक महिंद्रा 9.7 तो एचसीएल 6.3, इंफोसिस 4.6 और विप्रो के शेयर 4.23 फीसदी टूट गए. भारतीय कंपनियां अमेरिकी नागरिकों से ज्यादा एच1बी वीजा के जरिये भारतीयों को नौकरी देती हैं. अब कंपनियों को अमेरिकियों को नौकरी के अवसर प्रदान करने होंगे जिससे उनके मार्जिन और आय पर चोट पहुंचना तय माना जा रहा है. भारतीय आईटी उद्योग पहले से ही मंदी और तकनीकी क्षेत्र में आए ऑटोमेशन और कृत्रिम बौद्धिकता जैसे नए परिवर्तनों से जूझ रही हैं. ऐसे में एच1बी वीजा के मुद्दे ने कोढ़ में खाज का काम किया है. आईडीबीआई कैपिटल एवं सिक्योरिटीज के प्रमुख एके प्रभाकर का कहना है, "यदि वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव एच1बी वीजा के लिए किया जाता है तो भारतीय कंपनियां निश्चित रूप से अपने भारत से अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजना कम कर देगी." उन्होंने कहा कि अब ज्यादा प्रोजेक्ट डिजिटल या क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म पर है, इसलिए एच1बी वीजा में वैसे भी कमी आएगी. एच-1 बी एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसके माध्यम से अमेरिकी कंपनियों को विशेष परिस्थितियों में विदेशी कर्मचारियों को अस्थाई तौर पर नियुक्त करने की अनुमति देता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैश्विक स्तर पर एच1बी वीजा रखने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है.

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india