राज कपूर की पुण्य तिथि पर

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Jun 2018 | मनोरंजन
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नयी  दिल्ली 2 जून -2018 (सुनील कुमार -वीएनआई)

हिन्दी फ़िल्मों में राज कपूर को पहला शोमैन माना जाता है क्योंकि उनकी फ़िल्मों में मौज-मस्ती, प्रेम, हिंसा से लेकर अध्यात्म और समाजवाद तक सब कुछ मौजूद रहता था और उनकी फ़िल्में एवं गीत आज तक भारतीय ही नहीं तमाम विदेशी सिने प्रेमियों की पसंदीदा सूची में काफ़ी ऊपर बने रहते हैं। राज कपूर हिन्दी सिनेमा के महानतम शोमैन थे जिन्होंने कई बार सामान्य कहानी पर इतनी भव्यता से फ़िल्में बनाईं कि दर्शक बार-बार देखकर भी नहीं अघाते। जानकारों  के अनुसार  राज कपूर वास्तविक शोमैन थे। इसके बाद सुभाष घई ने भले ही शोमैन बनने की कोशिश की लेकिन राजकपूर की बात ही कुछ और थी। फिल्म   क्रिटिक्स  के अनुसार राजकपूर की शुरुआती फ़िल्मों की कामयाबी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। राज कपूर की 'आवारा', 'श्री 420', 'जिस देश में गंगा बहती है' आदि फ़िल्मों में नई सोच विशेष रूप से उभर कर सामने आती है।

चार्ली चैपलिन का भारतीयकरण

राजकपूर में हमें महान अभिनेता चार्ली चैपलिन की झलक दिखायी देती है। उन्होंने चैपलिन को भारतीय जामा पहनाया जो बेहद लोकप्रिय और आकर्षक था, जिसने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी धाक मनवाई। जानकारों   के अनुसार राजकपूर ने महान अभिनेता चार्ली चैपलिन का भारतीयकरण शुरू किया और श्री 420 में यह नए मुकाम पर पहुँचता दिखता है। उन्होंने चैपलिन की छवि का जो भारतीयकरण किया, उसका अपना आकर्षण और महत्त्व है।63   साल की   उम्र  और  लगभग  65  फ़िल्में ,  हम राजजी के  योगदान   को इस तरह  भी  बयां   कर  सकते  हैं    

 

 


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