नई दिल्ली/जयपुर, 11 दिसम्बर ( वीएनआई)। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत दुनिया का सबसे ताकतवर अर्थनीति बनेगा तथा राजस्थान भारत का अग्रणी राज्य होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रत्येक कोने में राजस्थान का उद्यमी मौजूद है तथा प्रत्येक राजस्थानी अब आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां छू रहा है। श्री प्रधान ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य के प्रमुख शैक्षणिक शिक्षा आईआईटी जोधपुर, केन्द्रीय विश्व विद्यालय जैसे संस्थान में एडवांस टेक्नोलॉजी लैब को स्थापित करने में मदद करेगी। राजस्थान की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद 11 प्रतिशत की विकास दर प्रदेशवासियों की मेहनत को दर्शाती है।
श्री प्रधान आज जयपुर में राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपने पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान समिट का सफल आयोजन किया है तथा उनके नेतृत्व में राजस्थान विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान केवल पूंजी निर्माता ही नहीं बल्कि नॉलेज बेस्ड इकोनोमी है। यहां आईआईटी, आईआईएम, एम्स सहित सभी विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश को जॉब सीकर्स से ज्यादा जॉब क्रिएटर्स की जरूरत है। लेकिन राजस्थान के व्यक्ति को उद्यमिता सिखाने की जरूरत नहीं है उसमें यह खूबी जन्म से ही होती है। उन्होंने कहा कि जैसे खाड़ी देश विश्व अर्थनीति के केन्द्र हैं, वैसे ही भविष्य में जयपुर-जैसलमेर दुनिया के अर्थनीति के केन्द्र बनना तय हैं तथा यह समिट इसको दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्री प्रधान ने कहा कि पहले बीमारू राज्य की श्रेणी में ‘आर’ राजस्थान को माना जाता था लेकिन अब वही ‘आर’ राजस्थान राइजिंग की तरफ बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार राइजिंग समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करेगी तथा अगले वर्ष 11 दिसंबर को इन सभी एमओयू के जमीन पर उतरने की कार्यवाही की समीक्षा कर जनता के सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान का आयोजन 2026 में फिर से होगा। उन्होंने कहा कि असीम संभावनाओं से भरपूर राजस्थान में उद्यमिता एवं विकास के शिखर को छूने की क्षमता है। राजस्थान नवाचार व निवेश आकर्षण के एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने कई अहम निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 11 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति, पांच नवीन औद्योगिक क्षेत्रों को भूखंड आवंटन, रीको द्वारा 8 औद्योगिक क्षेत्र नियोजित किए गए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर लाने के लिए हम अगले तीन साल में जीआई टैग की संख्या को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जीआई टैग वाले उत्पाद गांव से ग्लोबल की तरफ बढ़ेंगे जो यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकास भी विरासत भी’ विजन को साकार करेंगे।
श्री शर्मा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रदेश के औद्योगिक ढांचे की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र राजस्थान की जीएसडीपी में करीब 25 प्रतिशत योगदान दे रहा है। साथ ही, निर्यात में भी अहम भूमिका निभा रहा है। ये उद्योग समावेशी आर्थिक विकास, इनोवेशन और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति-2024 एवं अन्य 9 नीतियां जारी की हैं।
समापन सत्र में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार राजस्थान राइजिंग के साथ रिलायबल एवं रिसेप्टिव भी है जो खुद को रिफाइन करना भी जानता है। मोदी जी के राइजिंग राजस्थान के उद्घाटन सत्र में दिए गए वक्तव्य से टीम राजस्थान को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान पहले केवल पर्यटन के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इस समिट के सफल आयोजन से प्रदेश उद्योग क्षमताओं के लिए भी जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान लक्ष्य की प्राप्ति में यह समिट मील का पत्थर साबित होगा। हमने बजट में राज्य की आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर पूरा ध्यान दिया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी हम ब्रांडिंग, प्रमोशन तथा टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर फोकस कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों के कारण आज का दिन राज्य ही नहीं देश के लिए एतिहासिक अवसर है। यह समिट राज्य की क्षमता, आकांक्षाओं और संभावनाओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विश्व भर के विभिन्न देशों में रोड शो किए गए जिनमें राज्य में निवेश के अवसर उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की मंशा को दिखाया गया। इस समिट का सफल आयोजन यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयासों के माध्यम से बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
इस दौरान वर्ल्ड बैंक के कंट्री हैड ऑगस्ट तानो कुआमे, राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, अधिकारीगण, लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री घनश्याम ओझा सहित बड़ी संख्या में एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े उद्यमी उपस्थित रहे। वी एन आई
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