राज्यसभा में जुवेनाइल जस्टिस बिल पास- 16-18 आयु वर्ग के जघन्य अपराध करने वाले किशोरो पर अब चलेंगे वयस्को जैसे मुकदमे

By Shobhna Jain | Posted on 22nd Dec 2015 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली,22 दिसंबर (शोभनाजैन/वीएनआई) देश मे नाबालिगो के बढ रहे अपराधो और इन्हे लेकर समाज मे बढ रही चिंता और जनाक्रोश के बीच राज्यसभा ने आज ध्वनि मत से ऐतिहासिक जुवेनाइल जस्टिस बिल पास कर दिया. विधेयक के तहत जघन्य अपराध करने वाले 16-18 आयु वर्ग के किशोरो पर वयस्को जैसे मुकदमे चलाये जायेंगे . बिल को मार्क्सवादी पार्टी को छोड़ कर विपक्ष व सरकार ने एक मत से पास किया. विधेयक के पारण के वक्त सदन के दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता मौजूद थे. मार्क्सवादी पार्टी ने वॉक आउट किया. पार्टी क सदस्य सीता राम यचूरी ने जघन्य अपराधियो की आयु 16 वर्ष किये जाने पर विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि अगर 15 वर्ष का किशोर जघन्य अपराध करता है तो फिर उसे किस श्रेणी मे रखा जायेगा. विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गॉधी ने सदन को आश्वासन दिया कि नाबालिग अपराधियो को सीधे जेल नही भेजा जायेगा बल्कि विशेश्ज्ञ ऐसे मामलो मे पहले यह विचार करेंगे कि अपराध बच्चो की मानसिकता जै्सा किया गया बल्कि किसी वयस्क के दिलो दिमाग जैसा किया गया है. उन्होने कहा ' देश मे किशोर अपराधियो के संख्या तेजी से बढ रही है. उन्होने कहा कि विधेयक एक व्यापक विधेयक है जिस मे सभी पहलुओ पर ध्यान दिया गया है. उन्होने कहा भले ही हम निर्भया के मामले मे नाबालिग अपाराधी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर पाये हो लेकिन उम्मीद है अपराधी किशोरो को यह अपराध करने से रोक सकेगा. उन्होने उम्मीद जाहिर की कि किशोर अपराधो मे कमी आयेगी.इसी बीच बाल अधिकारो के लिये संघर्षरत्त तथा नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने विधेयक के पारित होने को बाल अधिकारो की सुरक़्षा के लिये एक ऐतिहासिक पड़ाव बताया. लोक सभा इस विधेयक को सात माह पूर्व ही पारित कर चुकी है. विधेयक को अब राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी है, और उनकी मंजूरी मिलते ही विधेयक कानून बन जायेगा निर्भया केस में नाबालिग की रिहाई के बाद सांसदों पर जुवेनाइल जस्टिस बिल को लेकर दबाव बढ़ गया था. नए जुवेनाइल जस्टिस बिल में कहा गया है कि रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे खतरनाक अपराधों में शामिल नाबालिगों को बालिग मानकर उसपर कार्रवाई की जाए. गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर केस आम अदालतों में और बालिगों के लिए कानून के अनुसार चलेगा. वर्तमान कानून के मुताबिक नाबालिग को ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक के लिए सुधार गृह में रखा जा सकता है.बिल लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है. इस मामले को लेकर निर्भया के परिवार ने केन्द्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्बास नकवी तथा लोक सभा मे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की . निर्भया की मां ने कहा कि हमने सभी पार्टियों के नेताओं से बात की है और उनसे इस बिल को पास करने का आग्रह किया है. इस बिल के पास हो जाने के बाद देश की बेटियों को फायदा मिलेगा. उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में बहुत दिनों से जारी गतिरोध के बावजूद कल बहुत कम समय में तीन बिल पास हो गये. इनमें एससी-एसटी समेत तीन बिल है. विधेयक पारित होने के बाद आज शाम भी विपक्ष का हंगामा बदस्तुर कायम रहा और कोई विधेयक पारित नही हो पाया. चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 16 दिसंबर 2012 को जो हुआ वह काफी शर्मनाक है. हम यह कहते हैं कि भारत आगे बढ़ रहा है लेकिन इस तरह की घटना के कारण हमें मुंह छुपाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि 1986 में राजीव गांधी की सरकार के दौरान जेजे बिल लाया गया था जिसमें नाबालिग की उम्र 16 करने को कहा था लेकिन 2000 में एनडीए की सरकार ने इसे 18 वर्ष करने का फैसला लिया. पिछले दिनों निर्भया केस के दोषी के छुटने के बाद यह बात चर्चा में आई और सरकार ने जल्दबाजी दिखाई. 50 प्रतिशत से ज्यादा अपराध नाबालिग करते हैं या उनसे करवाया जाता है. आजाद ने कहा कि मैं निर्भया की मां को बधाई देता हूं जिसने यह लड़ाई लड़ी. वह देश की अन्य लड़कियों की सोच रही है. आजाद ने कहा कि अंधेरी गलियों में पुलिस पेट्रोलिंग होनी चाहिए. पेट्रोलिंग होने से अपराधियों में दहशत रहेगा. इन गलियों में प्रकाश की व्यवस्था भी करनी चाहिए.

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