नई दिल्ली,20 सितंबर (गोपेन्द्रनाथ भट्ट,वीएनआई) राजस्थान मे इन दिनो महिला सश्क्तीकरण की गुपचुप क्रांति हो रही है.प्रदेश की 'भामा शाह योजना' से डेढ़ करोड़ महिलाये 'पॉवर वुमेन' बन रही है. देश मे महिला सशक्तीकरण और वित्तीय सशक्तीकरण की सबसे बड़ी भामाशाह योजना, राजस्थान मे महिला आत्मनिर्भरता के एक नये युग का सूत्रपात कर रही है। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे का यह 'ड्रीम प्रोजेक्ट' प्रदेश की करीब डेढ़ करोड़ महिलाओं को आर्थिक अधिकार प्रदान कर 'पॉवर वूमन' बनाने की अनूठी योजना है। यह महत्वाकांक्षी योजना महिलाओं को परिवार की मुखिया बना सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत् मिलने वाले नगद लाभ सीधे इनके बैंक खातों मे जमा करवाने और गैर नगद लाभ दिलवाने की अभिनव पहल है। भामाशाह योजना शुरू होने से राजस्थान म युगान्तरकारी परिवर्तन होने जा रहा है तथा मातृ सत्ता के सहारे आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। यह योजना देश मे अपनी तरह की पहली सीधी लाभ हस्तान्तरण योजना है।
इस योजना की परिकल्पना श्रीमती राजे ने अपने पिछले शासनकाल वर्ष 2008 मे 'आधार कार्यक्रम' से बहुत पहले की थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही 2009 मे इस योजना को बंद कर दिया गया, जबकि उस वक्त राज्य सरकार ने इस योजना म 45 लाख 78 हजार महिलाओं का नामांकन कर व महिलाओं के 29 लाख 7 हजार बैंक खाते खुलवाकर 160 करोड़ रुपये बैको जमा करा दिए थे, और करीब 8 हजार भामाशाह कार्ड भी वितरित कर दिए गये थे।
मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे ने दिसम्बर, 2013 मे पुनः मुख्यमंत्री बनने के बाद भामाशाह योजना का क्रियान्वयन फिर से शुरु करने का निर्णय लिया और इसी क्रम मे भामाशाह योजना का पुनः शुभारंभ गत वर्ष 15 अगस्त को पन्नाधाय, हाड़ी रानी और पद्मिनी जैसी वीरांगनाओं और इतिहास पुरूष महाराणा प्रताप को अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान दानवीर भामाशाह की पवित्र धरा मेवाड़ के खुबसूरत शहर उदयपुर मे हुआ। इस समारोह का साक्षी बनने का सौभाग्य मुझे भी मिला। समारोह मे मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने उदयपुर की शांता बाई को पहला भामाशाह कार्ड सौंपा। उन्होंने इस अवसर पर लाभार्थी परिवार की महिला मुखिया को दिए जाने वाला भामाशाह कार्ड जारी करने के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रसिंग के जरिए कोटा शहर मे प्रथम भामाशाह शिविर का शुभारंभ भी किया ।
राज्य सरकार द्वारा भामाशाह योजना मे आवश्यक बदलाव कर इसे अधिक बड़े रूप मे और अधिक व्यापक स्तर पर लागू किया जा रहा है। भामाशाह कार्ड को आधार कार्ड से बेहतर बनाया है और इसे प्रधानमंत्राी की जन-धन योजना से भी जोड़ा गया है। भामाशाह योजना का उद्देश्य सभी राजकीय योजनाओं के नगद एवं गैर नगद लाभ को प्रत्येक लाभार्थी को सीधा पारदर्शी रुप से पहुँचाना है। यह योजना राशन कार्ड, पेन्शन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रावृत्ति, जैसे लाभा्र्थियों को भी सम्मिलित करेगी। यह योजना परिवार को आधार मानकर उनके वित्तीय समावेश के लक्ष्य को पूरा करती है, जहाँ हर परिवार को भामाशाह कार्ड दिया जाएगा जो उनके बैंक खातों से जुड़े होंगे। यह बैंक खाता परिवार की मुखिया,जो कि महिला होगी, के नाम से होगा और वह ही इस खाते की राशि को परिवार के उचित उपयोग मे कर सकेगी। यह कार्ड बायो-मैट्रिक पहचान सहित कोर बैकिंग को सुनिश्चित करता है। इसके अन्तर्गत, प्रत्येक परिवार का सत्यापन किया जाएगा और पूरे राज्य का एक समग्र डेटाबेस बनाया जाएगा। इसके माध्यम से ड्यूप्लिकेशन को भी जाँचा व दूर किया जा सकेगा। सभी जनसांख्यिकी और सामाजिक मापदण्डों को विभिन्न विभागों द्वारा पात्राता के लिए इसम सम्मिलित किया जाएगा
90 लाख परिवारों का नामांकनः भामाशाह योजना मे नामांकन के लिए 16 अगस्त 2014 से ग्राम पंचायत एवं शहरों मे वार्ड स्तर पर शिविर आयोजित किए गए और वर्तमान मे प्रदेश के ई-मित्र केन्द्रों पर प्रतिदिन हजारों परिवारों का नामांकन किया जा रहा है। आगामी 31 दिसम्बर 2015 तक नामांकन कराने वाले परिवार का नामांकन निःशुल्क किया जा रहा है। अब तक राज्य के एक करोड़ 35 लाख परिवारों म से 90 लाख परिवारों (2 करोड़ 95 लाख व्यक्तियों) का नामांकन हो चुका है एवं इन्ह बहुउद्देश्यीय भामाशाह परिवार पहचान कार्ड आवंटित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
यह सुविधा अटल सेवा केन्द्र तथा ई-मित्रा केन्द्रों पर स्थाई रूप से उपलध है। जहां किसी परिवार के सभी सदस्य एक साथ आकर आधार कार्ड व कोर बैंकिंग खाता संख्या के अलावा आवश्यक जानकारी देकर नामांकन करा सकते हैं। यदि किसी परिवार का कोर बैंकिंग खाता नही हो तो इसे भी ई-मित्रा केन्द्र पर खुलवाए जाने की सुविधा उपलध है। ई-मित्र केन्द्र या भामाशाह योजना की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन भी कराया जा सकता है। नामांकन और कार्ड से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए जिला कलटर को भामाशाह प्रबंधक, सांख्यिकी अधिकारियों को भामाशाह अधिकारी और उपखंड अधिकारियांे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही टोल फ्री नम्बर 1800-180-6127 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
भामाशाह नामांकन मे दर्ज सूचनाओं के सत्यापन के बाद परिवार की महिला मुखिया के नाम भामाशाह परिवार कार्ड बनाया जाता है। परिवार का कोई भी सदस्य अगर अपना व्यक्तिगत कार्ड बनवाने का इच्छुक हो तो वह 30 रुपये का शुल्क देकर बनवा सकता है। बीपीएल परिवार की महिला मुखिया को सरकार द्वारा भामाशाह कार्ड बनवाने पर दो किश्तों मे 2 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है जो महिला मुखिया के खाते मे जमा करवा दी जाती है। इसकी पहली किश्त के रुप ्मे एक हजार रुपये तथा छः महीने बाद दूसरी किश्त के रुप म पुनः लाभार्थी के खाते मे एक हजार रुपये और डालने का प्रावधान किया गया है।
भामाशाह योजना म राज्य के सभी परिवार अपना नामांकन करा सकते हैं
भामाशाह योजना म नामांकन और भामाशाह कार्ड बनवाने को लेकर लोगों मे असर यह भ्रान्ति रहती है कि यह सुविधा केवल बीपीएल, बीपीएल महिला या किसी वर्ग विशेष के लिए है, जबकि वास्तविकता म इस योजना म राज्य के सभी परिवार अपना नामांकन करा सकते है। साथ ही यदि नामांकन मे कोई त्राुटि अथवा अपूर्णता रह जाती है तो उसे संशोधित भी करवाया जा सकता है। इसी प्रकार भामाशाह कार्ड की यह विशेषता है कि यदि कार्ड गुम जाए अथवा चोरी हो जाता है तो भी कोई इसका दुरूपयोग ्नही कर पाएगा। चूंकि भामाशाह कार्ड बायोमैट्रिक पहचान सहित कोर बैंकिंग सुविधा युत है। अतः यह पूरी तरह सुरक्षित है और लाभार्थी के खाते म जमा राशि उसके अलावा अन्य किसी और के द्वारा निकाला जाना संभव नही है। भामाशाह कार्ड नामांकित परिवारों को संबंधित ग्राम पंचायत/शहरी निकाय के माध्यम से निःशुल्क देने का प्रावधान है। ऐसे परिवार जिनका भामाशाह योजना मे नामांकन होना है अथवा जिन्ह भामाशाह कार्ड जारी नही हुआ है ऐसे परिवारों अथवा सदस्यों को सभी राजकीय सेवाएं आगामी आदेशों तक पूर्व की तरह ही मिलती रहगी।
भामाशाह योजना मे पेंशन और छात्रावृति जैसे नगद लाभ तथा राशन सामग्री जैसे गैर नगद लाभों के वितरण की शुरूआत हो चुकी है। परिवारों के नामांकन के बाद सत्यापन और भामाशाह परिवार कार्ड बनने की प्रक्रिया के बीच पेंशन, छात्रावृति व राशन कार्ड से जुड़े महत्वपूर्ण विभागों के डेटा के साथ भामाशाह डेटा का मिलान करते हुए आंकड़ों मे एकरूपता लाई जा रही है जिसमे परिवारों के बारे मे दर्ज जानकारी से पशन, छात्रावृति व राशन सामग्री के पात्रा वर्ग को 'नगद और गैर नगद लाभ’ का पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित होगा। भविष्य मे इस दूरदर्शी योजना म विभिन्न विभागो के अलग-अलग लाभ भी जोड़े जाएंगे । भामाशाह योजना म नामांकन से लेकर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी-डायरेट बेनेफिट ट्रांसफर) तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया के बारे मे प्रदेशभर मे जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा कार्ड वितरण के अभाव मे लाभार्थियों के लाभ से वंचित रहने को गंभीरता से लिया जायेगा। इस सम्बन्ध मे कलक्टर्स को अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
मोबाइल पर मिलेगी प्रत्येक लेन देन की सूचना ःइस योजना के तहत महिला मुखिया को मोबाइल नम्बर पर हर लेन देन की सूचना उपलध होगी, जब भी किसी प्रकार की लाभ राशि खाते म ट्रांसफर होगी या निकाली जावेगी, तो मोबाइल पर एस.एम.एस. के माध्यम से तुरन्त जानकारी मिलेगी।
भामाशाह कार्ड के जरिए बायोमैट्रिक पद्धति से मिलेगी राशन सामग्री ः राज्य सरकार ने इस योजना के तहत भामाशाह कार्ड धारी महिलाओं को बायोमैट्रिक पद्धति से राशन की दुकानों से सामग्री खरीद करने की सुविधा प्रदान की है। योजना मेसरकार ने यह भी प्रावधान किया है, कि जब तक राशन दुकानदार बायोमैट्रिक पद्धति से राशन सामग्री का वितरण नही करेगा तब तक उसको सरकार की ओर से दिये जाने वाले कमीशन का भुगतान भी नही किया जावेगा।
माइक्रो एटीएम से होगी राह आसान ः किसी बड़े शॉपिंग मॉल, आधुनिक रेस्टोरट या लग्जरी होटल आदि मे बिल का भुगतान जिस प्रकार ’डेबिट/क्रेडिट कार्ड’ को स्वाइप कर किया जाता है, ठीक उसी प्रक्रिया से ई-मित्रा केन्द्रों पर भामाशाह कार्ड धारक प्रतिदिन 2000 रुपये की सीमा तक नकद निकासी या यूटिलिटी सेवाओं जैसे पानी-बिजली के बिल भुगतान सेवाओं का लाभ( बिना किसी अधिकतम सीमा के) उठा सकेंगे।
भामाशाह योजना के तहत बैकिंग सेवाएं गांव-गांव उपलध करवाने के लिए ई-मित्रा केन्द्रों पर माइक्रो एटीम लगाए गए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा तथा पंजाब नेशनल बैंक के साथ करार किया है। जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कम से कम एक माइक्रो एटीएम की स्थापना कर बैकिंग सुविधा उपलध करवाई जायेगी। राज्य भर म ई-मित्रा केन्द्रों पर 12 हजार 'माइक्रो एटीएम’ मशीन लगाई जा चुकी है जिनमे से लगभग 8000 माइक्रो एटीएम ग्रामीण क्षेत्रों मे लगाये गये है। भामाशाह कार्डधारकों को अपने घर के नजदीक नकद निकासी की सुविधा प्रदान करने के लिए ई-मित्रा कियोस्क को बैकिंग प्रतिनिधि (बी.सी.) भी बनवाया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा तथा पंजाब नेशनल बैंकके साथ करार के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों म 10-10 हजार माइक्रो एटीएम मशीन और लगाई जायगी। भामाशाह कार्डधारी अपना डेबिट/रुपये कार्ड इन मशीनों पर ’स्वाइप’ कर खाते म उपलध राशि मे से निकासी अथवा बिलों का भुगतान कर सकेंगे।
पॉस मशीनों से मिलेगा राशन (नॉन कैश लाभ)
भामाशाह कार्डधारकों को अपने बायोमेट्रिक(अगुंली की छाप) सत्यापन द्वारा राशन की दुकानों से गेहूं, चीनी व केरोसिन आदि सामग्री पॉस (पीओएस-प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों के जरिये पारदर्शी तरीके से वितरण की व्यवस्था राज्य के आठ जिलों मे आरम्भ की गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए 53 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। प्रथम चरण मे अजमेर, टोंक, सीकर, झुंझुनूं, धौलपुर, बारां, बूंदी एवं झालावाड़ जिलों म पॉस मशीनों से उचित मूल्य की दुकानों पर राशन सामग्री के वितरण का परीक्षण चल रहा है। इस माह से इन जिलों म राशन सामग्री के विधिवत् वितरण की शुरूआत होगी। इन जिलों के राशन डीलर्स को पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन से सम्बन्धित आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पॉस मशीनो से राशन वितरण व्यवस्था द्वितीय चरण मे कोटा, अलवर, जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर व भरतपुर जिलों मे लागू होगी। इसके बाद तीसरे चरण मे शेष सभी जिलों मे भामाशाह योजना के गैर-नकद लाभों का वितरण पॉस मशीनों से प्रारम्भ होगा।
राशन की दुकान से गेहूं, केरोसिन व चीनी जैसे नॉन कैश लाभ भामाशाह कार्ड के माध्यम से प्राप्त करने के लिए कार्डधारक को अपनी पहचान के लिए भामाशाह कार्ड प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ’बायोमैट्रिक’ पहचान सत्यापित कर परिवार को देय राशन मे से मांगी गई सामग्री का वितरण किया जा सकेगा। उपभोक्ता नियमानुसार भुगतान कर सामग्री ले सकेंगे तथा उन्ह इसकी कम्प्यूटराइज्ड रसीद मिलेगी। यह पॉस मशीन, खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के 'सेन्ट्रलाईज्ड सर्वर' तथा 'भामाशाह डेटा हब' से इन्टरनेट द्वारा जुड़ी रहगी। इससे लाभार्थी द्वारा ली जाने वाली सामग्री तथा राशन डीलर के पास शेष कोटे की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शी, सुगम और सरल तरीके से राशन वितरण सुनिश्चित होगा। राशन डीलर्स को 'बायोमैट्रिक’ पहचान लेकर ही पॉस मशीनों से सामग्री वितरण के लिए पाबंद किया गया हैै। भामाशाह योजना नागरिकों को मिलने वाले सभी सरकारी लाभ पारदर्शी और प्रभावशाली तरीके से देने की योजना है। यदि किसी नागरिक के पास भामाशाह कार्ड नही है तो उसको सभी लाभ कार्ड बनाने तक पूर्ववत मिलते रहेंगे।
कमला ने कहा मै भी हूं परिवार की मुखिया ः मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से सशत करने तथा उन्ह समाज मे पुरूषों के बराबर का स्थान दिलाने के प्रयासों मे भामाशाह योजना ने कई मिसाल पेश की है। अजमेर जिले की श्रीनगर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत घूघरा के नाचन बावड़ी मौहल्ले की निवासी कमला बताती है कि अब उसे भी परिवार मे मुखिया का दर्जा मिल गया है और यह भामाशाह कार्ड के कारण ही संभव हो सका है। कमला ने कहा कि मुख्यमंत्राी ने भामाशाह योजना मे महिला को परिवार का मुखिया बनाकर जो सम्मान दिया है उसके लिए राज्य की सभी महिलाएं उनकी आभारी है। अपना भामाशाह कार्ड दिखाते हुए कमला ने कहा कि अब मेरे परिवार मे मेरे पति और मै दोनों ही मुखिया है।
कमला के पति पप्पू नाथ ने खुशी व्यत करते हुए कहा कि महिला पूरे घर को संभालती है तो उसे भी परिवार का मुखिया कहने ममे कोई बुराई न्ही है। इससे महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना की सभी को प्रेरणा मिलेगी।
घूघरा ग्राम के ही मदन नाथ देवड़ा ने बताते हैं कि भामाशाह योजना के तहत उसकी पत्नी भगवानी देवी को भी परिवार का मुखिया बनाया गया है जो सरकार की प्रगतिशील, सकारात्मक और अच्छी सोच का सजीव उदाहरण है। सरकारी योजनाओं का पैसा महिला मुखिया के खाते मे आएगा तो उसका सही उपयोग भी हो सकेगा। ग्राम के सरपंच श्री लखपत राम गुर्जर एवं ग्रामवासी नारायण, शम्भूनाथ, कल्याणी देवी समेत कई लोगों ने प्रदेश सरकार की भामाशाह योजना के तहत परिवार की महिला को मुखिया बनाएं जाने की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के प्रति आभार प्रकट किया। वी एन आई