मुंबई ,28 जून ( सुनीलकुमार/वीएनआई ) महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के सहयोगी दल शिव सेना ने एक बार फिर काले धन के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. प्रधानमंत्री के हाल के 'मन की बात' कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने लेख लिखा है जिस का शीर्षक 'चाय से ज्यादा केतली गरम... मन की बात!' है.
शिवसेना के मुख्य पत्र ' सामना' में काले धन पर लिखे इस लेख में व्यंग करते हुए कहा गया है कि , 'देश बदल रहा है, लेकिन हमें मुफ्त चाय नहीं चाहिए? चुनाव से पहले जो आपने वादा किया था उसके अनुसार हमारे बैंक खाते में 15 लाख रुपये कब जमा करते हो, पहले बताओ? ऐसा कोई व्यक्ति चाय की चुस्की मारते हुए पूछे तो क्या उसका जवाब क्या होगा?है.'मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके चुनावी वादे को लेकर सवाल उठाए और पूछा कि आखिर सरकार ने दो साल के कार्यकाल में कितने देशवासियों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करवाए हैं?
मुखपत्र के संपादकीय में ने लिखा है कि राष्ट्र निर्माण के कार्य के लिए चुनाव से पहले कालेधन की वापसी की महत्वपूर्ण घोषणा की गई थी उसका क्या हुआ? दो साल में आखिर कितने देशवासियों के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाए हैं केंद्र सरकार ने? गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रविवार को रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम में कालेधन को लेकर अपनी राय लोगों के सामने रखी थी और अघोषित संपत्ति का खुलासा 30 सितंबर से पहले करने को कहा था.
कुछ चुटीले अंदाज में लेख में ऐसा सवाल पूछने वालों के लिए जवाब भी है ,इसमें लिखा है - 'बाबा रे, प्रधानमंत्री मोदी 50 साल की गंदगी साफ करने में लगे हैं. उनके हाथ में छड़ी जरूर है, लेकिन वह जादू की छड़ी मालूल नहीं होती. इसलिए सिर्फ दो साल में सब कुछ बदल जाएगा, ऐसी उम्मीद पालने की गलती मत करो. प्रधानमंत्री को कुछ और समय दो.'
सामना में लिखा है कि कालाधन उद्योगपति, फिल्मवाले और आतंकवादी संगठनों के साथ राजनीति में भी प्रचुर मात्रा में मिलता है. कालाधन ढूंढने के लिए स्विट्जरलैंड या मॉरिशस जाने की आवश्यकता नहीं है. कालाधन हमारे खुद के घर में है, उसे खोदकर निकाले तो भी मोदी जी का मिशन काला धन सफल हो जाएगा.वी एन आई