नई दिल्ली, 26 मार्च, (शोभना जैन/ वीएनआई) सिर पर स्कार्फ ओढें, डबडबाई ऑ्खे, लेकिन साथ आतंक से दृढता से निबटने का भाव... न्यूजीलैंड मे हाल के आतंकी हमलों से भयाक्रांत मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को गले लगाती वहा की प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न,उन्हें तसल्ली और भरोसा दिलाती, ऐसी तस्वीर इन दिनों दुनिया भर में छायी हुई है.ये तस्वीर प्रेम, सहिष्णुता और भरोसा दिलाने के साथ आतंक और अपराध से दृढतापूर्वक निबटने का संदेश बन गई हैं, विश्व बिरादरी के सम्मुख एक सीख बन कर उभरी है. आज के दौर में जब दुनिया में "बदले" का शोर तर्क संगत आवाजों पर हावी होता जा रहा हैं,न्यूजीलैंडवासियों और उन की प्रधान मंत्री प्रेम, भरोसी और दृढता की पाठशाला बन कर उभरी है. गौरतलब हैं कि न्यूजीलेंड के आधुनिक इतिहास के इस सर्वाधिक जघन्य और ्नृशंस आतंकी हमले मे गत १५ मार्च को "तथाकथित श्वेत नस्ल की सर्वश्रेषठता और वर्चस्वता ्के मदांध" ने नमाज के लिये दोनों मस्जिदों में एकत्रित पचास लोगो पर ताबड़्तोड़ गोलियॉ बरसा कर पचास लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और पचास से अधिक लोग इन कायराना हमलों में मारे गये थे. हमले के फौरन बाद जहा कुछ कॉपती सी आवाज में अर्डर्न ने पीड़ित समुदाय के प्रति संवेदना और करूणा व्यक्त की,्वहीं उन की इस आवाज मे आतंक से निबटने की दृढता थी. संसद मे आवाज में पूरी दृढता के साथ उन्होंने साफ तौर पर आतंकी के "अपराध के जरिये सुर्खियॉ बटोरने के एजेंडे" को ध्वस्त करते हुए कहा" वह आतंकी, अपराधी हैं और मै कभी भी उस का नाम नही लूंगी."इस्तांबुल में हुई ई्स्लामी देशों के संगठन ओआईसी की बैठक में कल न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने भी अपनी सरकार के आतंक से निबटने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए दुनिया भर के मुस्लिम देशों को आशवस्त किया कि आतंकी अपनी पूरी जिंदगी जेल की तन्हाई भोगेगा.इसी दृढता को कार्य रूप देते हुए सरकार ने कल ही इस तरह के अपराधों से दृढता से निबटने के कदम बतौर सेना जैसे अर्ध स्वचालित और अन्य आग्नेय शस्त्रों पर रोक लगा दी और साथ ही बिक्री पर भी रोक लगा दी.प्रेक्षकों को उम्मीद हैं कि न्यूजीलैंड जल्द ही इस दिशा में और कुछ अहम फैसलें ले सकता हैं.
दरअसल इस हमले के बाद अहम वासियों ने जो संवेदनशीलता,प्रेम दिखाया,पीड़ितों को फौरी मदद दी,मस्जिदों के बाहर सुरक्षा घेरा बना कर इबादत कर रहे नमाजियों को बेफिक्र हो इबादत करने का भरोसा दिया,पीडितों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्हें फूल भेंट किये, उन मे भरोसा बनाये रखने के लिये 'हाका"नृत्य किया.पूरे न्यूजीलेंड में महिलाओं ने शांति और सद्भाव का संदेश देने के लिये हिजाब पहना,क्राइस्टचर्च हमले के एक हफ़्ते पूरे होने पर कल पूरे देश में शुक्रवार की अज़ान का सीधा प्रसारण किया गया और मृतकों के लिए इस दौरान दो मिनट का मौन रखा गया. निश्चित तौर पर इस से न्यूजीलेंड ने और अर्डर्न के सुदृद नेतृत्व ने दुनिया को एक नया संदेश दिया हैं.
इस पूरे हादसें के बाद ३८ वर्षीय अर्डर्न सही मायने मे एक विश्व नेता के रूप में उभरी है, जिस में प्रेम और करूणा के साथ निर्णय लेने और उन्हें कार्य रूप देने की क्षमता है. न्यूजीलेंड् के समाजिक और राजनैतिक पहलुओं के एक जानकार के अनुसार" ऐसा नही हैं कि न्यूजीलेंड में रंगभेद नही है, लेकिन ऐसी बुराईयों से निबटने मे जिस सुदृढ नेतृत्व की जरूरत होती है प्रधानमंत्री अर्डर्न ने साबित कर दिया कि वो सब उन में है."दरसल दुनिया उन्हें अभी तक एक ऐसी प्रधान मंत्री के रूप में ज्यादा जानती थी जो अपने कार्य काल में मॉ बनी लेकिन अब उन्होने एक ऐसे नेतृत्व का परिचय दिया है जो प्रेम और करूणा के साथ लौह की दृढता वाला है, जिस मे मानवीयता के साथ दृढ इच्छा शक्ति है.
क्राइस्टचर्च हमले के एक हफ़्ते पूरे होने पर प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न की घोषणा के बाद गत शुक्रवार पूरे देश में मस्जिदों से अज़ान का सीधा प्रसारण किया गया और मृतकों के प्रति श्रद्धाजंलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया.अर्ड्रन ने इस मौकेपर कहा 'जरूरी है क़ि मुसलमानों को अपने अकेले होने का अहसास ना हो , हम सब उनके साथ हैं और मुसलमान हमारे हैं ".इस हमले में बच गये अल नूर मस्जिद के इमाम गमाल फूदा ने नमाज से पहले जब श्रधालुओं के साथ अर्डर्न और बड़ी तादाद में मौजूद स्थानीय लोग से कहा" आपके ऑसुओं,प्रेम, फूलो,्प्रेम करूणा, हाका के लिये आभार और ्प्रधान मंत्री अर्डर्न आभार आपका, करू्णा और प्रेम के लिये, आभार ऑसुओं का, हमारे परिवारों को स्नेह और भरोसे के बंधन में बॉधे रखने का और एक सादा से स्कार्फ से हम मे से एक होने का एहसास दिलाने का" और चुप्पी से भरे इस माहौल मे डबडबाई ऑखे दिखाई दी और सुबकियॉ सुनाई दी..समाप्त