नैनीताल,9 मई (अनुपमाजैन/ वीएनआई) राजनैतिक बंवंडर से घिरे उत्तराखंड मे राजनैतिक घटनाक्रम तेजी से घूम रहा है.उत्तराखंड उच्च न्यालय ने आज दूरगामी परिणाम वाले एक फैसले मे कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अयोग्य करार दिया गया था और कल हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान मतदान से रोका गया था. हाईकोर्ट द्वारा अर्जी खारिज किये जाने के बाद बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. आज दोपहर दो बजे सुप्रीम कोर्ट में इनकी याचिका पर सुनवाई होगी.
कोर्ट ने आज इन विधायकों की अर्जी खारिज कर दी. शनिवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि इन बागी विधायकों द्वारा हरीश रावत सरकार से समर्थन वापसी के बाद प्रदेश में सरकार अल्पमत में आ गयी थी, जिसके बाद केंद्र ने वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. हालांकि कोर्ट ने केंद्र के आदेश को खारिज करते हुए वहां से राष्ट्रपति शासन हटाकर हरीश रावत सरकार को बहाल कर दिया था.
हालांकि बाद में केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वहां फिर से राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही कल 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत का शक्ति परीक्षण हो रहा है. हालांकि हाईकोर्ट द्वारा कांग्रेस विधायकों की अर्जी खारिज किये जाने के बाद यह विधायक वोट नहीं कर पायेंगे, जिससे हरीश रावत सरकार को फायदा हो सकता है. उत्तराखंड में हरीश रावत को बहुमत के लिए 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. कांग्रेस के पास 27, भाजपा के पास 28 और अन्य विधायकों की संख्या 6 है, जो रावत के समर्थन में कल वोट कर सकते हैं.वी एन आई