वापस लिया जायेगा नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी ड्राफ्ट

By Shobhna Jain | Posted on 22nd Sep 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 22 सितंबर (वीएनआई) केंद्र सरकार बैकफुट पर आते हुए नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी ड्राफ्ट को वापस ले रही है.केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को इसकी जानकारी दी.उनका कहना था, 'मैंने कहा है कि ड्राफ्ट वापस लिया जाए, इसमें जरूरी बदलाव करके दोबारा इसे वापस लाया जाए।'' प्रसाद के मुताबिक, ''मैं साफ कर देना चाहता हूं कि जो सरकार की ओर से कल रिलीज किया गया, वो केवल ड्राफ्ट था। सरकार का नजरिया नहीं है। हमारी सरकार सोशल मीडिया की आजादी का समर्थन करती है। हमें सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर गर्व है।''रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे और विचार विमर्श के बाद दोबारा जारी किया जाएगा.उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की आज़ादी बरक़रार रहेगी लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इन्क्रिपशन को रेगुलेट करना भी ज़रूरी है. आप को बता दें कि जब आप वॉट्सऐप जैसे मीडियम पर मैसेज भेजते हैं तो वह अपने आप इन्क्रिप्टेड हो जाता है या फिर स्क्रैम्बल्ड टेक्स्ट में बदल जाता है। जब वह रिसीवर तक पहुंचता है तो वह फिर नॉर्मल टेक्स्ट में बदल जाता है। वॉट्सऐप में नॉर्मल मैसेज तो आपकी चैट हिस्ट्री में होते हैं। लेकिन एंड्रॉइड का उदाहरण लें तो उसमें फाइल मैनेजर में वॉट्सऐप का फोल्डर होता है। उस फोल्डर में डेटाबेस का एक और फोल्डर होता है। इस फोल्डर के अंदर db.crypt8 के साथ इन्क्रिप्टेड चैट हिस्ट्री रोजाना सुबह 3 से 4 बजे के बीच स्टोर हो जाती है। आठ दिन का डेटा आपके फोल्डर में होता है। बाकी डेटा सर्वर में सेव होता जाता है। गौरतलब है कि सोमवार को इस ड्राफ्ट को ऑनलाइन किया गया था जिसके बाद अधिकतर मीडिया संस्थानों ने ख़बर चलाई थी कि अब फ़ोन पर सभी मैसेजेज़ 90 दिनों तक सुरक्षित रखने होंगे. इसमें व्हाट्स ऐप, वाइबर, स्काइप, वीचैट जैसे अन्य सोशल मैसेजिंग सर्विसेज़ को शामिल किए जाने की ख़बरें भी आईं. इस ड्राफ्ट के अंतर्गत अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसे जेल भी हो सकती थी. इस ख़बर के आते ही सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की आलोचना शुरू हो गई. फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई हैशटैग ट्रेंड करने लगे. आंकड़ो के अनुसारः 9 करोड़ भारतीय वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं। जबकि दुनिया में इसके 90 करोड़ यूजर्स हैं। 97.3 करोड़ कुल मोबाइल यूजर्स हैं भारत में। इनमें 32.73 करोड़ इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। 34 फीसदी लोग मोबाइल पर इंटरनेट को इस्तेमाल करते हैं। 90 फीसदी एंंड्रॉयड फोन यूजर्स वॉट्सऐप पर हैं। उल्लेखनीय है कि चीन, पाकिस्तान और रूस में इस तरह के कानून का सख्ती से पालन होता है। वैसे, दुनिया के कुल 75 देशों में अलग-अलग शर्तों के साथ ये कानून लागू हैं, भारत में जो कानून लाया जा रहा है, वह चौथी श्रेणी का है। इस श्रेणी का कानून इजरायल और सऊदी अरब में ही लागू है।

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