नई दिल्ली,२ दिसंबर (वी एन आई)संसद के दोनो सदनो मे आज तृण मूल की अगुआई मे विपक्ष ने बंगाल में टोल नाको पर सेना की तैनाती पर जम कर विरोध व्यक्त किया. इस मुद्दे पर दोनो सदनो मे खासा हंगामा और नारेबाजी हुई जिसकी वजह से दोनो सदनो की कार्यवाही बाधित हुई. हंगामे, शोर शराबे और नारेबाजी के आलम् मे लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही कई बार के स्थगन के बाद सोमवार तक के लिये स्थगित कर दी गई.
लोकसभा में टीएमसी सांसद सुदीप बनर्जी ने कहा कि कल राज्य मे को सेना ने टोल नाको पर कब्जा कर लिया. यह संघीय ढांचे पर हमला है. उन्होने कहा कि इस तैनाती पर राज्य सरकार को कोई जानकारी ही नही दी गई.. इस सब के बीच रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना की रूटीन एक्सरसाइज पर विवाद ठीक नहीं है.सेना को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं है इसकी जानकारी पहले दी गई थी. यह इसी इलाके में 2015 में भी हुई थी. यह काफी सालों से बंगाल, असम और नॉर्थ ईस्ट के अलावा यूपी बिहार और झारखंड में होती रही है. पहले इसके लिए 28, 29, 30 नवंबर की तारीख तय की गई थी, लेकिन पुलिस के कहने पर इसे 1 दिसंबर किया गया. इस मामले को लेक, जो बयान दिया उससे मुझे दुख पहुंचा है. सेना को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं है. उन्होने कहा कि यह केवल राजनैतिक हताशा है
सेना ने भी इस पर बयान दिया कि यह अभ्यास एक खास जगह पर आंकड़े इकट्ठे करने के लिए किया गया और जरूरी डाटा इकट्ठे होने के बाद हम वहां से हट गए. उत्तर पूर्व के सभी राज्यों में इस तरह की कार्रवाई की गई.
इस मामले पर मायावती ने भी राज्य सभा मे कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ ज्यादती हो रही है. यह भारतीय संविधान पर हमला है. सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सेना तैनात करना चिंता का विषय है इसकी जरूरत क्यों पड़ी. संसद के बाद तृणमूल नेतृत्व ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाने और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस बारे में सूचित करने का फैसला लिया है. पार्टी प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन नेआज सुबह बताया, 'हम सभी राजनीतिक दलों से बात कर रहे हैं.तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें इस घटना की जानकारी देने पर विचार कर रहे हैं. पूरे देश को पता चलना चाहिए कि किस तरह भाजपा प्रतिशोधात्मक राजनीति कर रही है.'
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उन्होंने कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद से बात कर इस मुद्दे से मिलकर निबटने पर चर्चा की है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने सुबह बनर्जी से फोन पर बात की और घटना के बारे में जानकारी ली.
राज्यसभा में वेंकैया नायडू ने कहा कि पश्चिम बंगाल को जानकारी दी गई थी. यह पिछले साल भी हुई था और उससे पिछले साल भी. सेना को विवादों में नहीं घसीटना चाहिए.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी का आरोप है कि प्रदेश सरकार को सूचित किए बगैर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर पलसित और दानकुनी के दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है, जो 'अभूतपूर्व और गंभीर मुद्दा है.' राज्य सचिवालय से ममता ने कहा, 'राज्य सरकार को सूचित किए बगैर दो टोल प्लाजा पर सेना तैनात की गई है. यह बहुत गंभीर स्थिति है, आपातकाल से भी खराब.'
ममता ने कहा कि यह कदम राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. क्या इस देश में सेना द्वारा तख्ता पलट किया जा रहा है?'सुश्री ममता बनर्जी राज्य के विभिन्न हिस्सों में टोल प्लाजों पर सैनिकों की मौजूदगी के विरोध में शुक्रवार को भी सचिवालय में ही रुकी हुई हैं. सेना की यूं तैनाती को लेकर उन्होंने साथ ही सवाल किया कि क्या यह 'सैन्य तख्तापलट है'. बहरहाल, जवान सचिवालय के पास स्थित टोल प्लाजा से बीती रात ही हट चुके हैं.
इससे पूर्व कल रात ममता ने राज्य सचिवालय नबन्ना में गुरुवार देर रात संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाऊंगी. मैं यहीं ठहरूंगी. क्या इस देश में सेना द्वारा तख्तापलट किया जा रहा है?'
इसके बाद कल देर रात ही सेना को वहां से हटा लिया गया, लेकिन इसके बाद भी ममता सचिवालय में ही रुकी हुई हैं. राज्य सचिवालय से उन्होंने शुक्रवार को कहा, 'हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए मैं सचिवालय में ही रुकूंगी.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग, उत्तर 24 परगना, बर्धमान, हावड़ा और हुगली आदि जिलों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सेना को राज्य सरकार को सूचित किए बगैर तैनात किया गया है. यह अभूतपूर्व और बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि उन्होंने दूसरे राज्यों से भी पता किया, लेकिन वह सेना द्वारा ऐसा कोई अभ्यास नहीं किया जा रहा है.
हालांकि रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक सेना भार संवाहकों (लोड कैरियर) के बारे में सांख्यिकीय डेटा जुटाने के उद्देश्य से देशभर में द्वीवार्षिक अभ्यास कर रही है और यह पता लगा रही है कि किसी भी आकस्मिक घटना की स्थिति में उनकी उपलब्धता हो सकती है या नहीं. विंग कमांडर एस एस बिर्दी ने कहा, 'इसमें डरने की कोई बात नहीं है और यह सरकारी आदेशों के मुताबिक ही किया जा रहा है.'
सेना ने कहा कि यह नियमित अभ्यास है और इस बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी जानकारी है और यह उसके सहयोग से ही किया जा रहा है. हालांकि कोलकाता पुलिस ने कहा कि उसने सेना के इस अभ्यास पर सुरक्षा कारणों और यातायात समस्या की वजह से आपत्ति जताई थी.
केंद्र द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद लोगों को हो रही नकदी की दिक्कत को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा रखा है. इसके लिए उन्होंने बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में रैली भी की थी.
इससे पहले बुधवार को ममता और उनकी पार्टी ने उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. ममता का आरोप है कि जब वह पटना में रैली संबोधित कर वापस कोलकाता लौट रही थीं, तब उनके विमान में ईंधन कम होने के बावजूद उसे एयरपोर्ट पर लैंड कराने में देरी की गई.वी एन आई