नई दिल्ली,२२ दिसंबर (अनुपमा जैन/वी एन आई) दिल्ली सरकार के साथ निरंतर ३६ के ऑकड़े की वजह से सुर्खियो मे रहे चर्चित उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज अचानक इस्तीफा दे दिया.पूर्व आए ए एस अधिका्री जंग लगभग साढे तीन वर्ष तक इस पद पर रहे और केजरीवाल सरकार के साथ उनके रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे ।अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से जंग और उनके बीच लगातार खींचतान की खबरें आती रही. विवाद यहां तक बढ़े कि आम आदमी पार्टी अधिकारों की लड़ाई को न्यायालय तक लेकर गई. हालांकिजंग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का आप सरकार के साथ उनके टकराव भरे रिश्ते से कोई लेना-देना नहीं है और वह पिछले कुछ महीनों से पद छोड़ने के बारे में विचार कर रहे थे.
सूत्रों ने कहा, 'पद छोड़ने के उनके फैसले का आप सरकार के साथ उनके संबंध से कोई लेनादेना नहीं है. यह विशुद्ध रूप से निजी फैसला है. पद छोड़ने को लेकर वह पिछले कुछ समय से विचार कर रहे थे'. उधर, उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि जंग का यह फैसला उनके लिए चौंकाने वाला रहा है। जंग के अप्रत्याशित इस्तीफे ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी चकित कर दिया है. केजरीवाल ने एक ट्वीट में लिखा है कि 'मैं जंग के इस्तीफे से चकित हूं. उनके भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं.'
नजीब जंग ने अपने इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की जनता को सहयोग और प्रेम के लिए खासकर राष्ट्रपति शासन के एक साल के समय के दौरान को लेकर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जनता के कारण ही इस दौरान दिल्ली के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाया जा सका. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी धन्यवाद दिया है.65 वर्षीय जंग ने हालांकि अपने इस्तीफे की वजह नहीं बताई लेकिन उनके करेबी लोगो केअनुसार वे अब वापस अपने शौक और चाहत की पुरानी दुनिया शिक्षा के क्षेत्र मे वापस लौटना चाहतेहै साथ हे अपने घर परिवार और नातीपोतो के साथ अपना व्क्त बिताना चाहते है. नजीब जंग ने जुलाई, 2013 में उप राज्यपाल का पदभार संभाला .
नजीब जंग के इस्तीफे पर आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'नजीब जंग को हमारी शुभकामनाएं. नजीब जंग का बर्ताव उनका अपना नहीं था. वो किसी और के प्रभाव में बर्ताव कर रहे थे'उधर, कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि नजीब जंग का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. उनकी भूमिका निष्पक्ष नहीं रही.
हालांकि एक तरफ ऐसा माना जा रहा है कि नजीब जंग ने इन्हीं विवादों और मतभेदों के चलते तंग आकर इस्तीफा दे दिया. लेकिन जानकारों की मानें तो जंग के कार्यकाल की समय सीमा पूरी हो चुकी थी. हालांकि गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि एलजी के कार्यकाल की समय सीमा तय नहीं है और आम तौर पर दिल्ली में सभी एलजी तीन साल से कम ही समय तक इस पद पर बने रहे हैं. इस तर्क को समझा जाए तो तो नजीब जंग को तीन साल से ज्यादा हो चुके थे क्योंकि उनकी नियुक्ति जुलाई 2013 में हुई थी.
वहीं अगले एलजी के नाम की अटकलें लगाई जा रही हैं. दिल्ली के मुख्य सचिव और अतिरिक्त सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की है. नजीब जंग के इस्तीफे के बाद यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.