नयी दिल्ली 07फरवरी (शोभना जैन, वीएनआई) दिल्ली चुनावो की भागदौड़ और गहमागहमी से दूर प्रधान म्ंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहा भारतीय मिशन प्रमुखो के सम्मेलन् का उदघाटन किया. उन्होने कहा\' राजदूतो को देश, संस्कृति, जनता और सभी की आंकक्षाओ का प्रतीक बताते हुए \"डिप्लोमेसी को विकास\" के लिये अहम बताया. गौरतलब है कि सम्मेलन का विषय \'विकास के लिये डिप्लोमेसी ;नया सोच ,नया जोश\'विचार मंथन के मुख्य बिंदु है.चार दिन तक चलने वाली इस अहम बैठक मे तकरीबन 117 देशों के भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इन मुद्दो के अलावा भारतीय डिप्लोमेसी संबंधी तमाम सम्बद्ध पहलुओ पर अपना आकलन रखेगे तथा इस बात पर विचार करेंगे कि इन तमाम मुद्दो को कैसे अधिक गति दे कर ठोस सकारात्मक नतीजे प्राप्त किये जा सके इस मौके पर प्रधान मंत्री ने और विदेशो मे सेवा करते हुए अपने प्राणो का बलिदान देने वाले अधिकारियो के प्रति श्रधाजंलि अर्पित की,
सूत्रो के अनुसार इस बार भारतीय मिशन प्रमुखो का अहम सम्मेलन कुछ हट कर है.विदेशो मे स्थित भारतीय मिशनो के प्रमुखो के सम्मेलन मे इस बार \'खास राजनयिक मंत्रणाओ\' के साथ साथ एक नयी पहल बतौर \'डिप्लोमेसी मे जन साधारण की भागीदारी\' पर विशेष चर्चा की जायेगी , मकसद है कूटनीति को जनता के नजदीक लाना , उनके सरोकारो का हल करना और डिप्लोमेसी को अधिक पारदर्शी बनाना. हालांकि सम्मेलन का विषय \'विकास के लिये डिप्लोमेसी \'विचार मंथन के मुख्य बिंदु होगा लेकिन एक नयी पहल बतौर इस बार इस सम्मेलन मे मिशनो के काम काज के बारे मे जनता के विचारो और सुझावो पर विशेष चर्चा की जायेगी और उसके अनुरूप रास्ता बनाया जायेगा. साथ ही इस बार पहली बार डिप्लोमेसी और राज्यो के बीच ताल मेल बढाये जाने पर भी व्यापक विचार किया जायेगा.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल इन प्रमुखो के साथ अनौपचारिक रूप से इन तमाम मुद्दो पर विचर विमर्श किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने दो दिन पूर्व यहा मीडिया ब्रीफिंग मे कहा था\"इस बार यह सम्मेलन कुछ हट कर् होगा ,इसका विषय \'विकास के लिये डिप्लोमेसी\' रखा गया है,यानि विचार विमर्श का केन्द्र बिंदु इस बात पर रहेगा कि भारत के विकास मे डिप्लोमेसी क्या भूमिका अदा कर सकती है. \'मेक इन इंडिया \'जैसे कार्यक्रम् इसी पहल का हिस्सा है . प्रवक्ता ने बताया कि प्रधान मंत्री मोदी ने इन मिशनो के काम काज के बारे मे जानकारी लिये जाने के साथ साथ कुछ समय पूर्व ट्वीट कर मिशनो के काम काज के बारे मे जनता के विचार व सुझाव भी मांगे थे,प्रेक्षको के अनुसार मंत्रालय का सक्रिय सोशल मीडिया इस जन भागीदारी अभियान मे अहम भूमिका निभा रहा है, और बड़ी तादाद मे लोग मंत्रालय के फेस बुक और ट्वीटर हेंडल से जुड़ रहे है उसी से इन मामलो मे जन साधारण के सरोकारो का पता चलता है. इस पृष्ठ भूमि मे \'खास राजनयिक मंत्रणाओ\' के साथ साथ डिप्लोमेसी मे जन भागीदारी विचार विमर्श इसी कड़ी का अहम हिस्सा है, प्रवक्ता ने बातया कि इस बार इस सम्मेलन मे विदेश मंत्रालय तथा विभिन्न राज्यो के साथ ताल मेल भी विचार विमर्श का एक बिंदु रहेगा.उन्होने कहा कि इस विषय पर विचार विमर्श इस तरह के सम्मेलन मे पहली बार होगा. इस संदर्भ् मे उन्होने बताया कि इराक से केरल की हाल मे मुक्त कराई गई 11 नर्सो की रिहाई की सूचना विदेश मंत्री ने केरल के मुख्य मंत्री को निजी तौर पर दी.जानकारो के अनुसार पिछले कुछ समय से विदेश मंत्रालय राज्यो से जुड़े विभिन्न मसलो को ले कर राज्यो से ताल मेल बढ रहा है. यह पहल उसी दिशा मे अगला कदम है
उन्होने बताया कि इन तमाम मुद्दो के अलावा विदेश नीति संबंधी तमाम नियमित पहलुओ पर भी इस सम्मेलन मे चर्चा की जायेगी.मसलन, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मसलो पर भारत की राय और इनका भारत पर असर जैसे मुद्दो पर इन सम्मेलनो मे विचार् किया जाता है.सम्मेलन के उद्घाटन से पूर्व प्रधान मंत्री ने विदेश मंत्रालय के भवन मे बने स्मारक मे एक पट्टिका मृत्योर्माSमृतं गमय” को इन बलिदानियो को समर्पित की - उनकी स्मृाति में जिन्हों ने राष्ट्र सेवा में अपना ्सर्वस्व बलिदान कर दिया. वी एन आई