पेरिस/वाशिंगटन 17 नवंबर (शोभनाजैन,वीएनआई) फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने पेरिस में हुए हमलों को ‘युद्ध की कार्रवाई' बताते हुए सीरिया में आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लडाई और तेज करने का अल्टीमेटम दिया है जिसके बाद कल रा्त फांसिसी लड़कू विमानो ने कल लगातार दूसरी रात सीरियायी शहर राका पर बमबारी की जिस पर आतंकी आए एस का कब्जा है. इसी बीच फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रास्वां ऑलोंद राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि आतंकी गुट के खिलाफ सभी देशो के गढबंधन मिल कर इस आतंक का सफाया करे.राष्ट्रपति ओलोंद ने संसद के दोनों सदनों के एक विशेष सत्र में कहा कि वह जल्द ही इस बारे मे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे. उन्होने कहा कि अमरीका तथा रूस को सीरिया के मसले पर अपने मतभेद दरकिनार कर एक स्वर से इस आतंक को खतम करने का काम करना चहिये. श्री ओलोंद ने कहा कि इन हमलो मे 19 देशो के लोग मारे गये जरूरत है कि सभी देशो के गठबंधन फौजे इस आतंक् से निबटे. इसी बीच अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी फ्रांस के साथ एक्जुटता प्रगट करने के लिये आज पेरिस पहुंच रहे है, उन्होने कहा कि सभी को मिल कर पूरी शिद्दत से इन आतंकी घटनाओ का मुकाबला करना चाहिये शुक्रवार की रात पेरिस मे एक् साथ छह अलग अलग स्थानो पर हुए इन भीषण आतंकी हमलो मे 129 लोग मारे गये थे तथा 352 से अधिक घायल हुए, जिनमे से काफी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा कि देश की राजधानी में हुए हमले ‘युद्ध की कार्रवाई' हैं और ये तब किए गए जब लोग बार, रेस्त्रांओं, एक कंसर्ट हॉल और राष्ट्रीय स्टेडियम में शुक्रवार की रात का लुत्फ उठा रहे थे. उन्होंने कहा कि इन हमलों का षडयंत्र सीरिया में रचा गया, इसकी तैयारी एवं व्यवस्था बेल्जियम में हुई और इन्हें फ्रांसीसी भागीदारी से हमारी जमीं पर अंजाम दिया गया.' राष्ट्रपति ने कहा कि फ्रांस जवाब में सीरिया में अभियान ‘तेज' कर देगा.जांचकर्ताओं का मानना है कि बेल्जियम में इन हमलों की योजना तैयार की गई थी वहां भी सीरिया से लौटे 70 लोगों पर चौबीसों घंटे नजर रखने की जरूरत है। अधिकारियों का अनुमान है कि बेल्जियम के 350 नागरिक सीरिया गए थे।
इससे पहले कल फ्रांस के लडाकू विमानों ने आईएस के सीरियाई गढ राका में स्थित ठिकानों पर बमबारी की जो पेरिस हमलों के बाद उसकी पहली सैन्य प्रतिक्रिया थी.उन्होंने कहा, ‘‘हम आने वाले हफ्तों में हमले जारी रखेंगे..' राष्ट्रपति ने साथ ही कहा, ‘‘मैं आने वाले दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और रुसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलूंगा.अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने आगाह किया है कि पेरिस में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने का दावा करने वाले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लिए यह कोई एक हमला नहीं है और हो सकता है कि वह नए हमले करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।
सीआईए के निदेशक जॉन ब्रेनन ने कहा कि आतंकी योजनाओं को विफल करने में काफी मुश्किलें आ सकती हैं क्योंकि यूरोप के खुफिया और सुरक्षा अधिकारी उन कट्टापंथियों पर नजर बनाए हुए हैं जो कि सीरिया और ईराक में इन आतंकवादियों का साथ देने के बाद स्वदेश लौट चुके हैं। और ऐसे लोगों की संख्या एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों में है।
सीआईए प्रमख ने कहा, ''यूरोप में हमारे सहयोगियों के समक्ष ढेरों चुनौतियां हैं। सीरिया और ईराक जाने के बाद स्वदेश लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर हर वक्त नजर रखना काफी मुश्किल काम है।''
ब्रेनन ने 'वॉशिंगटन पॉलिसी इंस्टीट्यूट ' में कहा कि सीआईए ने अभी पेरिस हमलों में आईएस का हाथ होने की पुष्टि नहीं की है लेकिन पेरिस में कुछ समय के अंतराल में हुए हमले और मिस्र में रूसी विमान को मार गिराए जाने की घटनाओं के पीछे इस्लामिक कट्टर पंथियों का ही हाथ है।
आईएस ने पेरिस हमले के बाद अमेरिका में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की धमकी दी है। इस संगठन ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर अमेरिका में हमला करने की धमकी दी है।
पेरिस हमले की अगर बात की जाए तो लगता है कि इनकी तैयारी कई महीनों से चल रही होगी। इस बात का पूरा ख्याल रखा गया होगा कि योजना सटीक होने के साथ ही हथियार ,विस्फोटक और अत्मघाती बेल्ट भी टीक से काम करें।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को इन हमलों पर जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उनके पास यह सूचना थी कि यह संगठन पश्चिम एशिया के बाहर यूरोप में हमले की तैयारी में है।
यूरोपीय अधिकारियों का अनुमान है कि 2011 में यूरोप से कम से कम 5000 लोग सीरिया के आतंकवादियों का साथ देने के लिए वहां गए थे। इनमें से फ्रांस से ही 1400 लोग सीरिया जा चुके है जिनमें से 900 लोग वापस लौट चुके हैं।वी एन आई