नई दिल्ली 7 दिसंबर (वीएनआई) अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह आईएस और इसके जैसे दूसरे आतंकी संगठनों को खत्म करके ही दम लेंगे। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से आतंकवाद पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस्लामिक स्टेट को नष्ट कर देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होने कहा किआईएस जैसे संगठनों पर साथी देशों के साथ मिलकर कार्रवाई जारी है और अगर इन संगठनों में से किसी ने भी अमेरिका को नुकसान पहुंचाया तो उसका सफाया निश्चित है। इस मुद्दे पर अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल 65 देशों का समर्थन प्राप्त है.
उन्होने कहा कि आतंकवाद का खतरा छोटा नहीं है, लेकिन हम इससे निपट लेंगे। ओबामा ने स्पष्ट कहा कि वह किसी लंबी लड़ाई में नहीं फंसना चाहते और आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी देशों को आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने अमेरिका आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग को और ज्यादा सख्त करने की बात कही। गौरतलब है कि हाल ही में कैलिफोर्निया में हुए हमले के बाद ओबामा के इस संबोधन को आतंक के खिलाफ कड़े कदम और कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। आईएसआईएस ने इस सप्ताह सन बर्नार्डिनो में हुई गोलीबारी के पीछे अपना हाथ होने का दावा किया है। इस गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे।
बताया जा रहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक चरमपंथी दंपती- पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पाकिस्तानी मूल के पति सैयद रिजवान फारुक द्वारा सन बर्नार्डिनो में अंजाम दिए गए आतंकी हमले के बाद देश को संबोधित करने का फैसला किया था. राष्ट्रपति ने दो संदिग्धों- पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और पाकिस्तानी मूल के उसके पति सैयद रिजवान फारुक का जिक्र करते हुए कहा, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि हत्यारों को विदेशों में स्थित किसी आतंकवादी संगठन ने ऐसा करने का निर्देश दिया था या वे यहां अमेरिका में किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा थे। ओबामा ने कहा, लेकिन यह स्पष्ट है कि उन दोनों ने इस्लाम की उस गलत व्याख्या को अपनाकर कट्टरपंथ के अंधकारमय मार्ग पर चलना शुरू कर दिया था, जो अमेरिका और पश्चिम के खिलाफ युद्ध की अपील करता है। उन्होंने असॉल्ट हथियार, गोला बारूद और पाइम बम एकत्र किए थे इसलिए यह एक आतंकवादी कृत्य था, जिसका उद्देश्य निर्दोष लोगों की हत्या करना था।