अबुधाबी 9 मार्च (वीएनआई )सौर ऊर्जा से चलने वाला विमान सोलर इम्पल्स 2 आज अबुधाबी से दुनिया की उड़ान पर रवाना हो गया है,अगर ये विमान अपनी यात्रा पूरी कर लेता है तो ये एक रिकॉर्ड होगा.विमान इंपल्स विश्व भ्रमण पर निकलने के वाराणसी भी उतरेगा बताया जाता है कि प्राचीन और धार्मिक नगरी होने के कारण इंपल्स 2 के लिए वाराणसी का चयन किया है, साथ ही यह यात्रा मार्ग में आता है और यहां हवाई अड्डा भी है। विमान अपने 5 महीने की यात्रा में 50 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगभग 35 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगा। विमान अबूधाबी (यूएई) मस्कट (ओमान), अहमदाबाद, होते हुए वाराणसी के बाबतपुर हवाई अड्डे पर उतरेगा और फिर अपने अगले पड़ाव म्यांमार के लिए उड़ान भरेगा।अपने इस सफर में ये विमान म्यांमार, हवाई, चीन, न्यूयॉर्क से ऊपर से उड़ता हुआ वापस अबु धाबी ही लौटेगा.
सोलर इम्पल्स कंपनी के इस वन सीटर विमान के पंखों में सोलर पैनल लगे हैं और इसका वज़न एक कार जितना है.सौर ऊर्जा चालित विश्व के इस पहले एक सीट वाले विमान की विशेषताएं भी अनोखी और दूसरे विमानों से अलग हैं। सूर्य की किरणों से शक्ति प्राप्त कर यह विमान समुद्र और विभिन्न महाद्वीपों से होते हुए पूरी दुनिया का चक्कर लगाएगा। इस दौरान ये प्रशांत और अटलांटिक महासागरों को भी पार करेगा. भारतीय सीमा में इस सोलर इंपल्स 2 विमान की मेजबानी आदित्य बिड़ला समूह के हाथों होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह यात्रा दुनिया को ईंधन बचाने तथा अक्षय ऊर्जा पैदा करने और उसके इस्तेमाल का मार्ग दिखाएगी। गौरतलब है कि इसी २६ फरवरी को विमान ने अबू धाबी से ही सफल परिक्षण यात्रा की थी.
इस कंपनी के संस्थापक स्विटजरलैंड के दो पायलट है, वर्ष 1999 में गर्म गुब्बारे से दुनिया की सैर करने वाले बरट्रां पिकार्ड, इनीशिएटर एवं चेयरमैन, और इसके सीईओ आंद्रे बोर्शबर्ग इस विमान को बारह चरणों में उड़ाएंगे और इस दौरान वे सौर ऊर्जा के अलावा और किसी ईंधन का इस्तेमाल नहीं करेंगे.उनका मकसद पुरानी पर्यावरण दूषित करने वाली तकनीक की जगह नई और साफ़ तकनीक लाना है. इसमें लगी बैटरी सूरज की रोशनी से चार्ज होंगी ताकि उनकी मदद से रात में उड़ान भर सके.
जुलाई 2015 तक चलने वाले इस अभियान का यह विमान 8 वल्र्ड रिकॉर्ड वाले अॅरिजनल सोलर इंपल्स एसआई1 प्रोटोटाईप के बाद एसआई2 इंजीनियरों द्वारा निर्मित कार्बन फाइबर वाला यह सिंगल सीटर (एक सीट वाला) एयरक्राफ्ट है। विमान में 72 मीटर के पंख हैं, जो बोइंग 747 से भी बड़े हैं। विमान का वजन मात्र 2300 किलोग्राम है। पंख में निर्मित 17,248 सोलर सेल इलेक्ट्रिक मोटर (प्रत्येक 17.5 वोल्ट) को रिन्यूएबल एनर्जी ( अक्षय ऊर्जा) प्रदान करती है।