पीएम ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक - आतंकी हमले मे पाकिस्तान का सीधा हाथ होने के डीजीएमओ को सबूत देगा भारत

By Shobhna Jain | Posted on 19th Sep 2016 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली, 19 सितंबर (वी एन आई) उरी हमले को लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुरक्ष स्थति की समीक्षा के लिये आज यहा गृह मंत्री राजनाथ सिंह , रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्तमंत्री अरुण जेटली, सेना अध्यक्ष दलबीर सिंह के साथ केबिनेट की सुरक्षा मामलो की उच्च स्तरीय बैठक की .सूत्रो के अनुसार समझा जाता है इस क्षेत्र मे आतंकियो की घुसपैठ रोकने के लिये जल्द ही मजबूत दीवार बनाये हाने का फैसला लिया गया इसके साथ ही भारत बहुत जल्द पाक को इस् हमले मे पाकिस्तान का सीधा हाथ होने के सबूत देगा सूत्रो के अनुसार जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में यूनिट पर हुए भीषण आतंकी हमले में 20 जवा्नो की शहादत के मद्देनजर पाकिस्तान केखिलाफ कड़ी जबावी कार्यवाही की बात देश मे चारो और से उठ रही है. सेना भी चाहती है कि पाकिस्तान से लगती 778 किलोमीटर लंबी एलओसी पर पाक को बेहद कड़ा जवाब देने की जरुरत है.. सूत्रो के अनुसार भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे.इसी बीच अंतर राष्ट्रीय जगत ने इस हमले की कड़ी भर्तसना की है खबर है कि सुरक्षा बलों चाहते हैं कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए. उधर, उरी हमले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा बीएसएफ और सीआरपीएफ के डीजी, खुफिया एजेंसी रॉ और राष्‍ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख भी मौजूद हैं. खबर है कि इस बैठक के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर विचार किया जाएगा. पाक के कब्जे वाले उत्तरी कश्मीर के उड़ी शहर में कल तड़के साढ़े पांच बजे भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने 12 ब्रिगेड मुख्यालय के समीप सेना के आधार शिविर (आर्मी बेस)पर तब हमला कर दिया, जब सेना के जवान सो रहे थे. हमले में 17 जवान शहीद हो गये व 20 घायल हुए हैं. मारे गये चारों हमलावर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हैं. जम्मू-कश्मीर में करीब 25 साल से जारी आतंकवाद के दौरान सेना पर यह सबसे घातक हमला है. लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक उड़ी सेक्टर में स्थित इस आर्मी बेस में आतंकी पीओके के रास्ते सुबह करीब पांच बजे के आसपास घुसे. फिर ताबड़तोड़ ग्रेनेड फेंके, जिससे कुछ बैरकों में आग लग गयी. बैरक में आग लगने से एक तंबू में सो रहे डोगरा व बिहार रेजिमेंट के 17 जवान जिंदा जल गये. हालांकि, सेना ने 14 सैनिकों के ही जलने की पुष्टि की है. सुरक्षा बलों ने तुरंत मोरचा संभाला और तीन घंटे तक चले मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया. हालात संभालने के लिए पैरा कमांडो की टीम को मौके पर उतारा गया. सेना का सर्च ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा, ताकि कोई और आतंकी न बच पाये. घायल 20 जवानों को श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में भरती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. इस बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर व आर्मी चीफ ने घायल सैनिकों से मुलाकात की और उनका हाल जाना. आठ जुलाई को सुरक्षाबलों की ओर से एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को ढेर किये जाने के बाद से कश्मीर घाटी में अशांति बनी हुई है.वी एन आई

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