ताशकंद,सात जुलाई (शोभनाजैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज किसी भी देश की आर्थिक समद्धि के साथ भाषाओं की समद्धि को जोड़ते हुए कहा कि जो देश आर्थिक रूप से समद्ध होते हैं, उनकी भाषा के पंख भी बड़े तेज हो जाते हैं और आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं के साथ भी ऐसा होगा। उन्होने कहा \'अगर परदेस मे आपको कोई नमस्ते बोल दे तब लगता है कि जैसे अपना कोई मिल गया। यह ताकत होती है भाषा में।\'
प्रधान मंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान आज यहां भारतविद, छात्रों और भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, भाषा का आर्थिक स्थिति से सीधा संबंध होता है। जिन देशों में आर्थिक समद्धि होती है, उनकी भाषा के पंख बड़े तेज हो जाते हैं। दुनिया के सारे लोग उसे सीखना चाहते हैं क्योंकि इससे कारोबार में आसानी होती है। मैं देख रहा हूं कि आने वाले समय में भारत की भाषाओं का महत्व भी बढ़ने वाला है क्योंकि भारत जैसे जैसे आगे जायेगा, उसकी भाषाओं का महत्व बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत उज्बेगी भाषा में अभिवादन के लिए प्रयोग होने वाले शब्द के साथ करते हुए कहा, व्यक्तित्व के विकास में भाषा की बहुत बड़ी ताकत है। किसी और देश का व्यक्ति मिल जाए और आपकी भाषा में पहला शब्द बोल दे तो तत्काल जुड़ाव हो जाता है। अगर आपको कोई नमस्ते बोल दे तब लगता है कि जैसे अपना कोई मिल गया। यह ताकत होती है भाषा में।
उन्होंने कहा कि जो देश अपनी भाषा को बचाता है, वह अपने देश के भविष्य को तो ताकतवर बनाता ही है, उस भाषा के ज्ञान के सागर में डुबकी लगाने का आनंद और अवसर भी मिलता है।
इस अवसर पर मोदी ने उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री शवकत मिरोमोनोविच मिर्जियोयेव और भारतविद रखमानोव के साथ पहले हिन्दी़-उज्बेकी शब्दकोश का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उज्बेकिस्तान में भारतीय फिल्में, भाषा और संगीत बेहद लोकप्रिय हैं।
प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त रूस तथा पांच मध्य एशियाई देशों-कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व उज्बेकिस्तान के दौरे पर हैं। प्रधान मंत्री यात्रा के दूसरे चरण मे आज उज्बेकिस्तान से कजाकिस्तान पहुंच गये.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, \"उज्बेकिस्तान में भारतीय फिल्में, भाषा और संगीत बेहद लोकप्रिय हैं। 2012 में उज्बेक रेडियो ने हिंदी प्रसारण के 50 साल पूरे किए।\"वी एन आई