नई दिल्ली/अबूधाबी,16 अगस्त (शोभनाजैन,वीएनआई) संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापार, उर्जा,सुरक्षा, आतंकवाद से निबटने सहित विभिन्न क्षेत्रो मे उभयपक्षीय सहयोग प्रगाढ बनाने के एजेंडा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात के लिये रवाना हो गये. गत 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला संयुक्त अरब अमीरात दौरा है इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यूएइ का दौरा किया था. अपने प्रवास के दौरान वह यहां के नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे और प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे, प्रधान मंत्री विशेष तौर पर ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढाने तथा भारत में यूएइ के निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे.इस दौरे मे प्रधान मंत्री आज अबूधाबी और कल दुबई की यात्रा करेंगे. सूत्रो ने उम्मीद जताई है कि प्रधान मंत्री के इस दौरे से दोनो देशो के बीच आर्थिक, सामरिक तथा समाजिक, सांस्कृतिक संबंधो को नई गति मिलने की उम्मीद है.
अमीरात के नेतृत्व के साथ वार्ता से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के आर्थिक, उर्जा और सुरक्षा हितों के लिए खाड़ी क्षेत्र महत्वपूर्ण है और वह कारोबार तथा आतंकवाद के मुकाबले में यूएई को अपने सबसे बड़े साझेदार के रूप में देखना चाहते हैं । श्री मोदी अबु धाबी मे वहा के शाहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान और यूएई के उप राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात करेंगे
मोदी के इस दौरे को व्यापार एवं सुरक्षा के प्रमुख क्षेत्रों में तथा विभिन्न क्षेत्रो मे भारत-यूएइ संबंधों को बढाने के अवसर के तौर पर देखा जा रहा है. अपने दौरे से पहले मोदी ने यूएइ को 'मूल्यवान साझीदार' करार देते हुए कहा कि यह संबंध दोनों देशों के बीच इस जीवंत द्विपक्षीय संबंधों का संकेत देता है कि भारत यूएइ का दूसरा सबसे बडा व्यापारिक साझेदार और यूएइ भारत का तीसरा सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है. श्री मोदी ने यहा के स्थानीय अखबार 'खलीज टाइम्स' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘ क्षेत्र में आतंकवाद और चरमपंथ सहित हमारी सुरक्षा और सामरिक चिंताएं साझा हैं । इसलिए भारत और यूएई के पास हर एक कारण है जिससे वे दोनों एक दूसरे के लिए शीर्ष प्राथमिकता हैं ,मैं इस नजर से यूएई की ओर देखता हूं ,भारत के आर्थिक , उर्जा और सुरक्षा हितों के मद्देनजर खाड़ी क्षेत्र महत्वपूर्ण है ’ उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि उन्होंने अपना क्षेत्रीय संवाद यूएई के साथ शुरू किया है जो इस देश को दिए जाने वाले उनके महत्व का परिचायक है । उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच सही मायने में समग्र रणनीतिक साझेदारी बनते देखना चाहेंगे ।
यूएइ में रहने वाले 26 लाख से अधिक भारतीयों के योगदान की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि वह यूएइ में रह रहे भारतीय कामगारों के बडे समुदाय के साथ मुलाकात करने को उत्सुक हैं. वे हर साल 13 अरब डॉलर स्वदेश भेज रहे हैं. अबूधाबी में प्रधानमंत्री मोदी कल शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से विस्तृत बातचीत करेंगे. यूएइ 800 अरब डॉलर के सरकारी संपत्ति कोष वाला देश है जो भारत में निवेश के मद्देनजर बहुत अहम है. प्रधानमंत्री भारत के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश को लेकर यूएइ को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं. सुरक्षा क्षेत्र में भी भारत और यूएइ के बीच सहयोग की पूरी संभावना है. दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण,आपराधिक और सिविल मामलों पर परस्पर कानूनी सहयोग तथा मादक द्रव्यों की तस्करी को मुकाबला करने एवं सूचना सहयोग को लेकर संधियां और समझौते हैं. दोनों पक्ष इन क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढाने पर चर्चा कर सकते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं यूएई के नेतृत्व के बीच होने वाली वार्ता में आतंववाद से निबटने के साथ आईएसआईएस के खतरे पर भी चर्चा कर सकते है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया :आईएसआईएस: का मुद्दा बातचीत में उठ सकता है, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूएई आतंकी समूह को एक बडे खतरे के रुप में देखता है तथा वह इससे निबटने के लिए हरेक उपाय करेगा.
आज प्रधान मंत्री का अबूधाबी में व्यस्त कार्यक्रम है. वे यहा विशालशेख जायद मस्जिद का दौरा करेंगे. इस मस्जिद करीब 40,000 लोग नमाज अदा कर सकते हैं. इस विशाल मस्जिद का निर्माण 1996 से 2007 के बीच हुआ. प्रधानमंत्री मसदर सिटी का भी दौरा करेंगे. यह जीरो कार्बन वाला हाईटेक शहर है. वीएनआई