\'ली क्वान यू\' एक \'समर्पित कर्मयोगी\',सिंगापुर भारत की \'एक्ट इस्ट पॉलिसी \' का प्रमुख \'स्तंभ\' -मोदी

By Shobhna Jain | Posted on 29th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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सिंगापुर,29 मार्च (शोभना जैन,वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक सिंगापुर के \'शिल्पी \' और उस के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय ली क्वान यू को एक \'निष्ठावान कर्मयोगी\' बताते हुए सिंगापुर को भारत की \'एक्ट इस्ट पॉलिसी \' का प्रमुख\' स्तंभ \' बताया है तथा उम्मीद जताई है कि श्री कुआन की विचारधारा के अनुरूप दोनो देशो के बीच आपसी निकट सहयोग और बढेगा .श्री कुआन को वर्तमान युग के शीर्षस्थ और सर्वाधिक महान नेताओ मे से एक बताते हुए उन्होने ने कहा \'व्यक्तिगत तौर पर ली मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे और मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है.\'प्रधान मंत्री मोदी सिंगापुर के संस्थापक और प्रथम प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए यहा आये हुए हैं, जिनका गत 23 मार्च को निधन हो गया था.अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा \'उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है,मैं यहां भारत के लोगों की तरफ से शोक की इस घड़ी मे संवेदना प्रकट करने और प्रार्थना करने के लिए आया हूं. इस समर्पित कर्मयोगी को मेरा नमन\' श्री कुआन को वैश्विक चिंतक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सिंगापुर के विकास सहित चहुमुखीं योगदान की प्रशंसा की और कहा कि भारत अपनी आर्थिक प्रगति में उनके सहयोग और उनकी मित्रता को काफी महत्व देता है.उल्लेखनीय है कि गंभीर न्यूमोनिया से पीड़ित 91 वर्षीय ली का गत 23 मार्च को निधन हो गया था. एक शोक संदेश मे श्री मोदी ने कहा \' सिंगापुर का एक ही पीढी मे \'काया कल्प\' का श्रेय ली के नेतृत्व को जाता है और उनके निधन से एक युग का अवसान हो गया. उन्होंने न केवल दक्षिण पूर्व एशिया को प्रेरित किया बल्कि पूरे एशिया को प्रभावित किया जो अपनी किस्मत खुद गढने में विश्वास करते थे.\' उन्होंने कहा कि उन्हे भरोसा है कि सिंगापुर की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर वह (ली) सिंगापुर की उपलब्धियों एवं उसके भविष्य को लेकर संतुष्ट रहे होंगे. श्री मोदी के अलावा दुनिया के कई देशों के शिखर नेता श्री ली की अंत्येष्टि में हिस्सा लेने आये हैं जिनमें जापान के प्रधान मंत्री शिंजो आबे, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन हाई, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो और मलेशिया के शाह अब्दुज हालिम शाह इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन् रूवलिन वअमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन शामिल है. प्रधान मंत्री मोदी ने सिंगापुर को भारत की \'एक्ट इस्ट पॉलिसी\' का प्रमुख \'स्तंभ\' बताते हुए सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत श्री कुआन की मैत्री तथा भारत की आर्थिक प्रगति और उसकी वैश्विक भूमिका के प्रति उनके समर्थन के लिये उनका बहुत सम्मान करता है. सिंगापुर के साथ हमारे संबंध दुनिया में यह हमारे सबसे मजबूत संबंधों में से एक हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का दक्षिण पूर्व एशिया और इससे आगे वाले देशो, सभी के साथ सहयोग बढ़ रहा है. सिंगापुर में श्री मोदी ने आज सुबह वहां के वरिष्ठ मंत्री गोह चोक तोंग और उप प्रधानमंत्री थरमैन षडमुगरत्नम से साथ बैठक की और सिंगापुर के नेताओं और लोगों के साथ संवेदना व्यक्त की. बाद मे प्रधान मंत्री ने इस संक्षिप्त यात्रा मे श्री षडमुगरत्नम के साथ द्विपक्षीय संबंधो के विस्तार पर शिष्टमंडल स्तर की वार्ता भी की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने बाद मे संवाददाताओ को बताया कि\' प्रधान मंत्री ने उन्हे बताया कि स्वच्छ भारत अभियान और सभी को घर उपलब्ध करा्ने की श्री कुआन की परियोजनाये उनकी सरकार की भी मॉडल परियोजनाये\' है. उन्होने उम्मीद जताई कि दोनो देश श्री कुआन की विचारधारा के अनुरूप और निकटता से मिल कर काम करेंगे \' इससे पूर्व शोक संदेश मे प्रधानमंत्री ने कहा\' हमारे लिए उनकी मित्रता और भारत के आर्थिक विकास में सहयोग और वैश्विक भूमिका काफी मूल्यवान है. श्री ली को भारत की क्षमता में हम मे से कई लोगों से अधिक भरोसा था. भारत कई अर्थ व्यवस्था तेजी से प्रगति कर रही है \'मोदी ने कहा कि ली की सोच सही साबित हो रही है और उनके बोये बीज का फल अब मिल रहा है. उन्होने कहा \' मैं इस दुख की घड़ी में सिंगापुर आया हूं, श्री ली वैश्चिक चिंतक थे जो अन्य लोगों से पहले चीजों का आकलन कर लेते थे. वह आर्थिक विकास के प्रवर्तक थे, साथ ही उन्होंने हमारे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए अनथक प्रयास किया. गौरतलब है कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी सिंगापुर के दौरे पर आये थे. मोदी ने कहा, व्यक्तिगत रूप से वह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत थे. उनके विचार और उपलब्धियां मुझे भारत में बदलाव की संभावना के बारे में विश्वास दिलाते हैं. उन्होंने कहा, भारत के लोग सिंगापुर के संस्थापक और नेता के निधन पर इस राष्ट्रीय शोक में साझेदार है. भारत में भी ली के सम्मान में एक दिन का शोक रखा गया है और यह दोनों देशों के गहरे मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाते हैं. प्रधान मंत्री मोदी ने आज यहा श्री कुआन के अंतिम सस्कार मे शामिल होने आये इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिब से भी मुलाकात की. प्रवक्ता के अनुसार इस दौरान दोनो पक्षो ने द्विपक्षीय संबंध और मजबूत किये जानी पर चर्चा की. सिंगापुर की जनता ने पूरे राजकीय सम्मान से अपने\'जनक\' को भाव भीनी अंतिम श्रंधाजंलि दी,जिसने एक ही पीढी मे सिंगापुर को दुनिया की भृष्टाचारमुक्त मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप मे काया कल्प कर दिया.वीएनआई

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