कश्मीर पर पाकिस्तान के 'घड़ियाली ऑसूओं' पर भारत का कड़ा दो टूक पलटवार

By Shobhna Jain | Posted on 14th Jul 2016 | VNI स्पेशल
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नयी दिल्ली 14 जुलाई(शोभनाजैन/वीएनआई) भारत ने हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में उठाये जाने पर कड़ा दो टूक पलटवार करते हुए कहा है कि एक ऐसा देश,आतंकवाद जिसकी सरकारी नीति है, जो किसी दूसरे देश के भू खंड पर अपनी लालची ऑख गड़ाये बैठा है जो आतंकियो का गुणगान करता है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी करार दिये गये आतंकियो को अपने यहा पनाह देता है, हैरत यह है कि एक ऐसा देश संयुक्त राष्ट्र मे यह मुद्दा उठा्ने की कौशिश करे । संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि,राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान की दूत मलीहा लोदी की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानवाधिकारों पर बहस के दौरान कश्मीर और वानी की मौत का मुद्दा उठाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए यह बात कही। मलीहा ने अपने बयान में कश्मीर का तो मुद्दा उठाया ही था, उन्होने बानी को 'कश्मीरी नेता' बताते हुए आरोप लगाया कि बानी की मौत भारतीय बलों द्वारा 'न्यायेतर हत्या' है श्री अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान की इस हरकत पर् कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हैरानी की बात ऐसी बाते एक ऐसा देश कर रहा है जिसके 'ट्रैक रिकॉर्ड' की वजह से ही उसे अभी तक संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद की सदस्यता नहीं मिल सकी है और वो ही देश मानवाधिकारो और आत्म निर्णय के घडियाली ऑसू बहा रहा है।उन्होंने कहा कि एक ''विविध, बहुलतावादी और सहिष्णु'' समाज होने के नाते कानून के शासन, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता उसके मूल सिद्धांतों में है। उन्होंने कहा, ''हम बातचीत और सहयोग के ज़रिये सभी के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए और उसकी सुरक्षा करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं इस अंतर राष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाने पर कड़ी शब्दो मे अकबरुद्दीन ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का 'दुरुपयोग' करने की कोशिश की। अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान का 'ट्रैक रिकॉर्ड' अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में विफल रहा है कि उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के इसी सत्र में मानवाधिकार परिषद की सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय समुदाय लंबे समय से ऐसे मंसूबे, स्वार्थी कोशिशें देखता आया है, ऐसी ही एक कोशिश आज सुबह हुई...्लेकिन इन्हें इस मंच में या संयुक्त राष्ट्र में कहीं और कोई तवज्जो नहीं मिली'' उन्होने कहा कि दरअसल इस तरह की हरकते अक्सर उलटी ही पड़ती है.वी एन आई

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