लंदन 7 मई (वीएनआई) ब्रिटेन में आम चुनाव के तहत आज वोट डाले जाएंगे और ब्रिटेन के मतदाता वोट के ज़रिये अपने मन की बात बतायेंगे, कुल 4.5 करोड़ वोटर्स अपने वोट डालेंगे, यह ब्रिटेन के इतिहास के सबसे निर्णायक चुनावों मे से एक होगा। अभी तक कोई अनुमान नहीं है कि जीत किसकी होगी। चुनावी सर्वे दोनों प्रमुख दलों कंजरवेटिव और लेबर में कांटे की टक्कर बता रहे हैं। सर्वे के अनुसार इस बार भी त्रिशंकु संसद के तहत ब्रिटेन में गठबंधन सरकार की उम्मीद है और इन चुनावों में किसी एक पार्टी के बहुमत पाने के आसार नहीं हैं. आज के चुनाव के बाद कंजरवेटिव और लेबर पार्टियों के नेताओं डेविड कैमरन और एड मिलिबैंड दोनो ही चुनावी नतीजों का बेसब्री से इन्तज़ार करेंगे ।
ब्रिटेन में कल तक राजनीतिक दलों के नेता उन मतदाताओं को समझाने की कोशिश में लगे हुए थे जिन्होंने अभी तक यह तय नहीं किया कि वह किस पार्टी को वोट देंगे, कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 36 घंटों की राष्ट्रव्यापी प्रचार किया वहीं लिबरल डेमोक्रेट के नेता निक क्लेग ने दो दिवसीय चुनावी दौरा किया तथा लेबर पार्टी प्रमुख एड मिलिबैंड भी प्रचार के लिए देशभर की यात्रा की ,कल चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि देश पिछले पांच साल की तुलना में मज़बूत हुआ है लेकिन उन्हें और अधिक काम करने की जरूरत है उधर लेबर पार्टी के नेता एड मिलिबैंड ने लोगों से आग्रह किया है कि देश में कड़ी मेहनत को फिर से पुरस्कार देने के लिए उन्हें वोट दें जबकि लिबरल डेमोक्रेट पार्टी के नेता निक क्लेग ने देश को स्थिरता देने की वकालत की है.
गौरतलब है कि कुल 4.5 करोड़ वोटर्स मे से 6.10 लाख (अनुमानित) भारतीय मूल के वोटर्स हैं जिनकी तादाद लंदन, लिसेस्टर, मैनचेस्टर और बर्मिंघम में ज्यादा है। इस बार के आम चुनाव में प्रवासी भारतीयों की भूमिका अहम है, लिहाजा दोनों प्रमुख पार्टियों कंजर्वेटिव और लेबर के नेताओं ने उनको लुभाने की पूरी कोशिश की है। इंडिया के ग्रैंड ओल्ड मैन दादाभाई नौरोजी ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले सांसद थे, जो 1892 के आम चुनाव में लिबरल पार्टी के टिकट पर Finsbury Central से जीते थे। इनके बाद 1895 में मंछेरजी भुवनगिरी और 1922 में शापुर्जी शकलतवाला सांसद बने थे। फिर लंबे समय बाद 1987 में कीथ वाज सांसद चुने गए थे। इस बार चुनावी मैदान में भारतीय मूल के 59 उम्मीदवार हैं , कंजर्वेटिव ने भारतीय मूल के 17 उम्मीदवारों, लेबर ने 14, लिबरल डेमोक्रेट्स ने 14 और अन्य दलों ने भी कुल 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद उन भारतीय मूल के लोगों की सूची की अगुवाई कर रहे हैं,जिनके आज होने वाले आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की ओर से सीटें जीतने की संभावना है। ब्रिटेन आधारित रिषि सुनक उत्तरी यार्कशायर में रिचमंड क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं । इस क्षेत्र से पूर्व विदेश मंत्री विलियम हेग प्रतिनिधि रहे हैं । इसके अलावा आम चुनाव में 6 देशों के वोटर्स महत्वपूर्ण योगदान देंगे , इन राष्ट्रकुल सदस्य देशों में भारत सहित पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और आइरिश रिपब्लिक शामिल हैं।
यह जानना बेहद दिलचस्प है कि चुनावी मैदान में भाई-बहन के दो जोड़े भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, इनमें लेबर पार्टी के कीथ वाज, वलेरी वाज और कंजर्वेटिव पार्टी के अरुण फोटे और सुरिया फोटे शामिल हैं, 58 साल के कीथ वाज ब्रिटिश-एशियाई मूल के सबसे लंबे समय से रहनेवाले सांसद हैं। कीथ ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के मुद्दों को भी संसद में उठाते रहे हैं।।बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने भारतवंशी सांसद कीथ वाज के लिए प्रचार भी किया है
उल्लेखनीय है कि केवल 9 महीने पहले ही स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक जनमत संग्रह में जनता ने 45 के मुकाबले 55 फीसदी के समर्थन से यूके का हिस्सा बने रहने का निर्णय लिया था. स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के इन चुनावों में अपनी सभी संसदीय सीटों को जीतने की उम्मीद जताई जा रही है.
फिलहाल ब्रिटेन मे कंजर्वेटिव-लिबरल डेमोक्रैट पार्टी की गठबंधन सरकार है, ब्रिटेन की 650 सदस्यीय संसद में बहुमत के लिए 326 सदस्यों की जरूरत होती है, साल 2010 में हुए पिछले आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को 307 और लेबर को 258 सीटें मिली थीं।लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 57 सदस्यों की मदद से कंजरवेटिव पार्टी ने सरकार बनाई थी। उस सरकार में डेविड कैमरन प्रधानमंत्री और निक क्लेग उप प्रधानमंत्री बने थे। कंजरवेटिव पार्टी के 11 अश्वेत एवं एशियाई सांसद हैं। जबकि लेबर पार्टी के 16 सांसद हैं।