भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स,स्पेस में तीसरी बार पहुंचीं, डांस कर जश्न मनाया

By VNI India | Posted on 7th Jun 2024 | टैकनोलजी
sunita williams

नई दिल्ली  05जून  (वीएनआई ) भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में परीक्षण मिशन पर एक नए अंतरिक्ष यान को उड़ाने वाली पहली महिला बन गई हैं. 58 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी "बुच" विल्मोर के साथ बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भरी. स्पेस में तीसरी बार पहंच कर उन्होने  डांस कर जश्न मनाया  और ISS पर सवार सात अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को गले लगाया.l

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके क्रूमेट बुच विल्मोर के साथ बोइंग स्टारलाइनर गुरुवार को सुरक्षित रूप से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंच गया.  अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने पहले मिशन पर नए क्रू स्पेसक्राफ्ट को उड़ाने और उसका परीक्षण करने वाली पहली महिला बन गई हैं. 58 साल की सुनीता एक नए चालक दल वाले अंतरिक्ष यान का संचालन और परीक्षण करने वाली पहली महिला बन गईं। विलियम्स जो पहले भगवान गणेश की मूर्ति और भगवद गीता को अंतरिक्ष में ले जा चुकी हैं,अपनी तीसरी यात्रा के लिए ISS पर वापस आ गई हैं. 

 सुनीता विलियम्स और बुच विलमोरका स्वागत घंटी बजाकर किया गया, जो ISS की एक पुरानी परंपरा रही  है. सुनीता ने अपनी "डांस पार्टी" के बारे में कहा, "चीजों को आगे बढ़ाने का यही तरीका है." अपने क्रू मेंबर्स को "एक और परिवार" कहते हुए, उन्होंने "इतने शानदार स्वागत" के लिए उनका धन्यवाद किया.

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर स्टारलाइनर उड़ाने वाले पहले क्रू मेंबर्स हैं. उन्होंने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च होने के लगभग 26 घंटे बाद बोइंग स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से सफलतापूर्वक डॉक किया.

नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने स्टारलाइनर की चौकसी की, क्योंकि इसने डॉकिंग से पहले अंतरिक्ष यान को लगातार परिक्रमा करने वाली प्रयोगशाला के करीब लाने के लिए कई तरह के युद्धाभ्यास किए. ्परन्तु हलकी सी हीलियम लीक जैसी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण डॉकिंग में लगभग एक घंटे की देरी हुई.

आईएसएस के रास्ते में, चालक दल ने अंतरिक्ष में पहली बार मैन्युअल रूप से स्टारलाइनर उड़ाने सहित कई परीक्षण पूरे किए. वे अंतरिक्ष में लगभग एक सप्ताह बिताएंगे और विभिन्न परीक्षणों में सहायता करेंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. स्टारलाइनर पर घर लौटने पर, उन्हें समुद्र में नहीं बल्कि जमीन पर उतरना है.

विचार्णीय है कि नासा हमेशा से अंतरिक्ष यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए स्पेसएक्स क्रू मॉड्यूल का विकल्प चाहता था और बोइंग स्टारलाइनर कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के हिस्से के रूप में उसी तरह का विकल्प तैयार कर रहा है.

सुनीता विलियम्स ने प्रक्षेपण से पहले थोड़ी  ्बहुत घबराहट की बात स्वीकार करते हुए कहा  कि नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर उन्हें कोई घबराहट नहीं है. उन्होंने कहा था, "जब मैं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचूंगी, तो यह घर वापस जाने जैसा होगा."

गौरतलब है कि सुनिता ने एसयूवी आकार के स्टारलाइनर को डिजाइन करने में मदद की है, जिसमें क्रू मेंबर्स के सदस्य बैठ सकते हैं.

आपको बता दें कि सुनीता विलियम्स  को अंतरिक्ष यान का नाम रखने का अवसर भी दिया गया था, और उन्होंने इसका नाम "कैलिप्सो" रखा, जो उस प्रसिद्ध जहाज के नाम पर है जिस पर फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी और महान फिल्म निर्माता जैक्स-यवेस कॉस्ट्यू ने समुद्रों की खोज की थी, जब वह एक छात्रा थीं.


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