नई दिल्ली, 9 जनवरी | युवा भारतीय महिला पहलवान रितु फोगाट ने सोमवार को अपनी बड़ी बहन और महिला पहलवान गीता फोगाट का समर्थन किया। रितु ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में क्वालीफाई करने में असफल होने के बावजूद एशियाई खेलों और 2020 ओलम्पिक खेलों में वह अपनी क्षमता को साबित करेंगी। गीता इस साल राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम में जगह हासिल करने में असफल रहीं थीं। उन्हें ट्रायल में 57 किलोग्राम वर्ग में पूजा दांडा ने मात दी थी।
रितु ने कहा कि बॉलीवुड फिल्म 'दंगल' से मिली लोकप्रियता और रियेलिटी टेलीविजन शो 'खतरों के खिलाड़ी' में हिस्सा लेने से एशिया चैम्पियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीत चुकी गीता का ध्यान भटका नहीं है और वह भविष्य में खुद को साबित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रितु ने कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है। यह कुश्ती है, जहां एक सेकेंड में आपका दांव पलट सकता है। गीता के साथ भी ऐसा ही हुआ। क्वालिफाइंग मैच आखिरी के 10 सेकेंड में पलट गया और इस कारण वह राष्ट्रमंडल खेलों में क्वालीफाई नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा, इस साल एशियाई खेल और इसके बाद ओलंपिक खेल हैं, जिनमें वह खुद को साबित कर सकती हैं।
भारत की 23 वर्षीया पहलवान रितु इस साल प्रो-रेसलिंग लीग के तीसरे सीजन में वीर मराठास का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस लीग में वीर मराठास पदार्पण कर रही है। रितु ने कहा, हमारी टीम काफी अच्छी है। हम अपना 100 प्रतिशत देंगे और आशा है कि सीजन के अंत में खिताब अपने नाम करेंगे। पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली रितु ने यह भी कहा कि उनके लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन पीडब्ल्यूएल में विश्व चैम्पियन और ओलम्पिक पदक विजेताओं के खिलाफ मुकाबले आगामी टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन के लिए उनके आत्मविश्वास को मजबूत करेंगे। रितु ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन करना है।
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