नई दिल्ली, 1 मई (वीएनआई)| देश की महिला और पुरुष हॉकी टीमों के प्रशिक्षकों की अदला-बदली हुई है। नीदरलैंड के शुअर्ड मरेन की महिला हॉकी टीम के कोच पद और हरेंद्र सिंह की भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के पद पर फिर वापसी हुई है।
हॉकी इंडिया (एचआई) ने आज इन नियुक्तियों का ऐलान किया। इस साल आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में दोनों महिला और पुरुष टीमें पदक हासिल करने में नाकाम रही थीं। इसके बाद ही इनके प्रशिक्षकों की अदला-बदली की गई है। साल 2016 में भारत की जूनियर हॉकी टीम को लखनऊ में हुए जूनियर हॉकी विश्व कप का खिताब दिलाने वाले हरेंद्र को पिछले साल सितम्बर में महिला हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। हरेंद्र के मार्गदर्शन में भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस साल आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। पिछले साल उन्हीं की कोचिंग में महिला टीम ने महिला एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था। मरेन के मार्गदर्शन में भी महिला टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था और हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।
एचआई के महासचिव मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा, हरेंद्र अपने साथ अच्छा अनुभव ला रहे हैं और उन्होंने पूर्व में हॉकी इंडिया लीग और जूनियर टीमों के खिलाड़ियों के साथ अच्छा काम किया था, वहीं मरेन का महिला टीम के साथ कोच पद का कार्यकाल सफल रहा और आशा है कि उन्होंने पहले जो किया उसे भविष्य में भी जारी रखेंगे। मरेन और हरेंद्र ने अपनी नई जिम्मेदारियों पर संतुष्टि जाहिर की है। मरेन ने कहा, मैं महिला टीम के कोच पद पर लौट कर काफी खुश हूं और मैं अब टीम को और मजबूती देने के लिए तैयार हूं। हमारी नजर अब महिला हॉकी विश्व कप-2018 पर होगी। मरेन ने कहा, "हमने एशिया कप खिताब जीता और विश्व लीग में हमने साबित किया कि हम विश्वस्तरीय टीम को हरा सकते हैं। न्यूजीलैंड दौरे के जरिए हमने एशिया खिताब तथा विश्व कप खिताब जीतने की ओर एक और कदम बढ़ाया है। कोच मरेन ने कहा कि दुर्भाग्य से भारतीय टीम राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। हरेंद्र की भी पुरुष टीम के कोच पद पर वापसी हुई है। इससे पहले वह 2009 से 2011 तक भी यह कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा, "मेरे लिए पुरुष हॉकी टीम का कोच बनना गर्व की बात है। महिला हॉकी टीम के साथ अब तक का सफर अच्छा था। मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए मैं एचआई का शुक्रगुजार हूं।
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