किंग्स्टन (जमैका), 7 जुलाई (वीएनआई)| भारत ने मोहम्मद शमी (48/4) के बाद मैन ऑफ द मैच कप्तान विराट कोहली (111) के शतक की बदौलत विंडीज को पांच मैचों की सीरीज के आखिरी वनडे में आठ विकेट से हरा दिया। इसी के साथ भारत ने सीरीज पर 3-1 से कब्जा जमा लिया है।
पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था, जबकि दूसरे और तीसरे मैच में भारत ने जीत हासिल की थी। चौथा मैच मेजबान टीम ने अपने नाम किया था।शमी के नेतृत्व में अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन के बल पर भारत ने विडींज को निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर 205 रनों पर रोक दिया था। इस लक्ष्य को भारत ने कोहली और दिनेश कार्तिक (50) के दम पर 36.5 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
भारत की शुरुआत खराब रही। उसने पहले ओवर की आखिरी गेंद पर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (4) का विकेट खो दिया। इसके बाद इस सीरीज में शानदार फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे (39) ने कोहली के साथ मिलकर टीम को खराब शुरुआत से बाहर निकाला। दोनों ने टीम का स्कोर 84 तक पहुंचा दिया था। पिछले चारों में मैचों में 50 का आंकड़ा पार करने वाले रहाणे इस मैच में इस आंकड़े को छू नहीं सके और देवेंद्र बिशू की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। यहां से कोहली को कार्तिक का साथ मिला और दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 122 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को मैच के साथ सीरीज पर कब्जा दिलाया। कोहली ने अपनी नाबाद शतकीय पारी में 115 गेंदें खेलीं और 12 चौकों के साथ दो छक्के लगाए। कार्तिक ने अपनी नाबाद पारी में 52 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए। कोहली ने इस दौरान सचिन तेंदुलकर के रनों का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा शतकों के रिकार्ड को तोड़ दिया। सचिन के नाम रनों का पीछा करते हुए 17 शतक दर्ज थे, जबिक कोहली ने विंडीज के खिलाफ रनों का पीछा करते हुए अपने करियर का 18वां शतक जमाया। सचिन ने इस 17 शतक जमाने के लिए 232 पारियां ली, जबिक कोहली ने सिर्फ 102 पारियों में उनके इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। वह रनों का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा शतक जमाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। रहाणे ने इस सीरीज में कुल 336 रन बनाए हैं, जिनमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। उन्हें इस प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
इससे पहले वेस्टइंडीज की शुरुआत बेहद धीमी रही, जो नौवें ओवर की दूसरी गेंद पर सलामी बल्लेबाज एविन लुइस (9) के सस्ते में आउट होने के बाद फिर तेज नहीं हो सकी। भारतीय गेंदबाजों ने शुरू से अंत तक कैरेबियाई बल्लेबाजों को बांधे रखा और खुलकर शॉट नहीं लगाने दिए। पूरी कैरेबियाई टीम सिर्फ तीन छक्के लगा सकी और 19 बाउंड्री हासिल कर सकी। छोटी-छोटी साझेदारियों के बल पर वेस्टइंडीज 30.3 ओवर में सिर्फ चार विकेट गंवाकर 115 के स्कोर तक पहुंच सकी थी। लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने लगातार विकेट चटकाने शुरू किए। वेस्टइंडीज टीम आखिरी की पांच साझेदारियों में कुल 42 रन जोड़ सकी। वेस्टइंडीज के लिए ऊपरी क्रम में काइल होप (46) और साई होप (51) ने तथा मध्य क्रम में कप्तान जेसन होल्डर (36) और रोवमैन पॉवेल (31) ने उपयोगी पारियां खेलीं। भारत के लिए शमी के अलावा उमेश यादव ने तीन विकेट हासिल किए। हार्दिक पांड्या और केदार जाधव को एक-एक सफलता मिली। रवींद्र जडेजा विकेट तो हासिल नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने 10 ओवरों में एक मेडेन सहित मात्र 27 रन दिए और कैरेबियाई बल्लेबाजों को बांधे रखा। कुलदीप यादव ने भी कसी हुई गेंदबाजी की और 10 ओवरों में मात्र 36 रन दिए।