नई दिल्ली, 29 जून, (वीएनआई) प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने नीट-यूजी पेपर लीक से लेकर मणिपुर जातीय हिंसा तक के मुद्दों पर निशाना साधते हुए कहा, पीएम मोदी वो आम सहमति का पाठ पढ़ाते हैं लेकिन मोदी सरकार टकराव को महत्व देती है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक संपादकीय में दावा किया कि नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल चुनावी नतीजों का हिस्सा नहीं है क्योंकि इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं जैसे कुछ बदला ही नहीं है। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को महत्व देते हैं। सोनिया गांधी ने 2024 के आम चुनावों के बाद संसद के पहले सत्र में डिप्टी स्पीकर पद और NEET मुद्दे पर लगातार टकराव और तीखी नोकझोंक के लिए केंद्र की एनडीए सरकार की आलोचना की।
उन्होंने आगे कहा ने कहा, दुखद रूप से 18वीं लोकसभा के पहले कुछ दिन उत्साहजनक नहीं रहे। कोई भी उम्मीद कि हम कोई बदला हुआ रवैया देख पाएंगे, धराशायी हो गई है। यह पूरी तरह से उचित अनुरोध उस शासन द्वारा अस्वीकार्य पाया गया, जिसने 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के संवैधानिक पद को नहीं भरा था।'' असल में 2014-2019 तक एनडीए के पहले कार्यकाल में AIADMK के एम थंबीदुरई ने लोकसभा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जबकि 2019-2024 के बीच यह पद खाली था। उन्होंने NEET पेपर लीक मामले पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस घटना ने लाखों इच्छुक छात्रों के जीवन पर कहर बरपाया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जो 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं, वे देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह करने वाली लीक पर स्पष्ट रूप से चुप हैं।
No comments found. Be a first comment here!