कोलकाता, 07 जुलाई (वीएनआई)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में सियासी समीकरण बिठाने के लिए शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पार्टी नेताओं से तीन घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत की है।
राहुल गाँधी ने पार्टी के नेताओं से अलग-अलग बात की। राज्य में पार्टी में टूटफूट और भाजपा की बढ़ती ताकत के बीच 2019 में चुनाव किसके साथ मिलकर लड़ा जाए, इसको लेकर बात हुई। हालांकि इस लंबी बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल पाया। पार्टी का एक धड़ा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने का पक्षधर है तो एक खेमा वामदलों के साथ गठबंधन पर जोर दे रहा है। वहीं कांग्रेस के कुछ नेता पाला बदलकर तृणमूल में भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि अभी राहुल गांधी ने सभी को आश्वासन देकर रोक लिया है। राहुल ने मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल के नेताओं को पार्टी के दूसरे नेताओं से मशविरे के बाद किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही है।
दिल्ली में कांग्रेस के कार्यालय में हुई बैठक को लेकर पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कह कि पार्टी अध्यक्ष के साथ हमारी मुलाकात के दौरान हमने अपनी सभी बातें उनके सामने रखी हैं। पार्टी के 2019 में गठबंधन को लेकर उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया। बताया गया है कि अधीर रंजन किसी भी सूरत में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस विधायक मोइनुल हक ने खुलकर तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौराम हमने उन्हें बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमस के साथ जाने से हमें फायदा होगा।
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