नई दिल्ली, 19 जुलाई (वीएनआई)| समाजवादी पार्टी के सांसद और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने चीन को भारत के लिए पाकिस्तान से कहीं अधिक खतरनाक बताते हुए आज डोकलाम में सैन्य तनाव पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी।
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम ने चीन पर भारत के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और सरकार से तिब्बत की स्वतंत्रता का खुले तौर पर समर्थन करने तथा देश में चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह भी किया। मुलायम ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा, "चीन हमारे देश के लिए पाकिस्तान से कहीं अधिक खतरनाक है। भारत का पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता। मैं पिछले 20 साल से यह बात कह रहा हूं। अब, यह साफ हो गया है कि चीन हमारे खिलाफ साजिश रच रहा है। कश्मीर में, चीन हथियारों और गोला-बारूद से पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है। इसका कड़े तौर पर विरोध होना चाहिए।"
मुलायम की यह टिप्पणी विपक्षी दलों द्वारा किसानों की दुर्दशा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा से किए गए बहिर्गमन के बाद आई। सपा के नेता ने कहा कि चीनी सेना और उसके हथियारों को कश्मीर में देखा गया है। चीन यहां तक कि पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में सड़क का निर्माण भी कर रहा है। मुलायम ने कहा, हमें राजनयिक रूप से इसका विरोध करना चाहिए। पाकिस्तान ने चीन के साथ कश्मीर में घुसपैठ की रणनीति अपनाई है, जो बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि भारत ने तिब्बत पर चीन के अधिकार को स्वीकार कर लिया है, जो बहुत बड़ी गलती है। मुलायम ने कहा, अब, भारत को खुले तौर पर तिब्बत की आजादी का समर्थन करना चाहिए। इसके साथ ही देश को तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा की हर मुमकिन मदद भी करनी चाहिए। यह चीन को एक करारा जवाब होगा। सपा नेता ने भारत में चीन के उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग भी की। उन्होंने कहा कि अगर चीन लगातार पाकिस्तान की मदद करेगा और कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करेगा, तो भारत को चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो हम सभी को कूटनीतिक संबंध के बारे में सोचना चाहिए।
इसके साथ ही मुलायम ने चीन के साथ भारत के संबंधों की पूर्ण समीक्षा की मांग की है। सिक्किम सेक्टर में डोकलाम पठार में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है, इस वजह से दोनों देशों के साथ ही चीनी सरकारी मीडिया ने युद्ध के बारे में खुलासा किया है। सरकार ने पिछले हफ्ते राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को राजनयिक रूप से सुलझाया जाएगा।
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