धर्मदेव आनंद, जो की देव आनन्द के नाम से प्रसिद्ध थे, का जन्म २६ सितम्बर १९२३ में गुरदास पुर (जो अब नारोवाल जिला, पकिस्तान में है) में हुआ और उनका निधन ३ दिसम्बर २०११ रात १० बजे लंदन में हृद्याघात से हुआ। वे भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फ़िल्म निर्माता थे। उनके पिता किशोरीमल आनंद पेशे से वकील थे। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। देव आनंद के भाई, चेतन आनंद और विजय आनंद भी भारतीय सिनेमा में सफल निर्देशक थे। उनकी बहन शील कांता कपूर प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक शेखर कपूर की माँ है। भारतीय सरकार ने देव आनंद को भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए २००१ में पद्म भूषण और २००२ में दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों से सम्मानित किया।
देव आनंद काम की तलाश में मुंबई आये और उन्होंने मिलट्री सेंसर ऑफिस में १६० रुपये प्रति माह के वेतन पर काम की शुरुआत की! शीघ्र ही उन्हें प्रभात टाकीज़ एक फ़िल्म हम एक हैं में काम करने का मौका मिला! और पूना में शूटिंग के वक़्त उनकी दोस्ती अपने ज़माने के सुपर स्टार गुरु दत्त से हो गयी! कुछ समय बाद अशोक कुमार के द्वारा उन्हें एक फ़िल्म में बड़ा ब्रेक मिला! उन्हें बॉम्बे टाकीज़ प्रोडक्शन की फ़िल्म ज़िद्दी में मुख्य भूमिका प्राप्त हुई और इस फ़िल्म में उनकी सहकारा थीं कामिनी कौशल, ये फ़िल्म १९४८ में रिलीज़ हुई और सफल भी हुई! १९४९ में देव आनंद ने अपनी एक फ़िल्म कम्पनी बनाई, जिसका नाम नवकेतन रखा गया, इस तरह अब वो फ़िल्म निर्माता बन गए! देव आनंद साहब ने अपने मित्र गुरुदत्त का डाइरेक्टर के रूप में चयन किया और एक फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था बाज़ी, ये फ़िल्म १९५१ में प्रदर्शित हुई और काफी सफ़ल हुई।
धीरे धीरे वे सफल कलाकार, निर्देशक और फ़िल्म निर्माता के रूप में स्थापित हो गए !
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