नई दिल्ली, 15 अगस्त (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेस्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल क़िले की प्राचीर से पाकिस्तान को करारा संदेश देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र करते हुए साफ़ कहा खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते। उन्होंने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के धमकी भरे रवैये का जवाब देते हुए कहा कि यह समझौता अब राष्ट्रहित में मंज़ूर नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है...अब हमने एक न्यू नॉर्मल प्रस्थापित किया है। आतंक को और आतंकियों को ताकत देने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे...भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु की धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि, पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत ने ठान लिया है 'खून और पानी' अब एक साथ नहीं बहेंगे। आज देशवासियों को यह भी भली-भांति समझ आ गया है कि सिंधु जल समझौता कितना अन्यायपूर्ण और एकतरफा रहा है। प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा, "भारत से निकलने वाली नदियों का पानी दुश्मन के खेतों को सींच रहा है, जबकि मेरे देश के किसान और मेरी धरती पानी के बिना प्यासी है। यह ऐसा समझौता था, जिसने सात दशकों से हमारे किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुँचाया।
गौरतलब है कि सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद से ही पाकिस्तान की ओर से लगातार बयानबाज़ी और धमकियां दी जाती रही हैं। कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, तो कभी सेना प्रमुख-और यहां तक कि स्थानीय नेता भी भारत को ललकारते रहे।
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