नई दिल्ली, 16 अगस्त (वीएनआई) भारतीय चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाता धोखाधड़ी के विपक्ष के आरोपों के बीच आज बड़ा बयान देते हुए कहा, राजनीतिक दलों और वोटर्स द्वारा इलेक्टशन लिस्ट की जांच का हमेशा स्वागत करता है लेकिन लिस्ट से संबंधित किसी भी मुद्दे को उठाने का उचित समय चुनावों से पहले "दावे और आपत्तियां" अवधि के दौरान होता है।
चुनाव आयोग ने कहा, हाल ही में, कुछ राजनीतिक दल और व्यक्ति चुनावी सूचियों में त्रुटियों के बारे में मुद्दे उठा रहे हैं, जिसमें पहले तैयार की गई चुनावी सूचियां भी शामिल हैं। आयोग ने कहा कि इन मुद्दों को उठाने का सही समय उस चरण की 'दावे और आपत्तियां' अवधि होती, जो सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के साथ चुनावी सूचियां साझा करने का मुख्य उद्देश्य है।
आयोग ने आगे कहा, "यदि ये मुद्दे सही समय पर सही माध्यम से उठाए गए होते, तो संबंधित एसडीएम/ईआरओ को उन चुनावों से पहले, यदि वास्तविक हों, तो गलतियों को सुधारने में मदद मिलती। चुनाव आयोग ने कहा, "मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद, अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले मतदाताओं और राजनीतिक दलों के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पूरा एक महीने का समय उपलब्ध होता है।" आयोग ने यह भी कहा कि अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद, डिजिटल और भौतिक प्रतियां एक बार फिर सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती हैं और ईसीआई वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं।
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