सदैव हित, मित और मिष्ठ वचन बोलें - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

By Shobhna Jain | Posted on 4th Jun 2023 | देश
altimg

डोंगर गढ 4 जून (अनुपमाजैन/वीएनआई)  जैन संत 108 आचार्य विद्यासागर श्रीजी महाराज ने एक बार फिर स्माज से  हित, मित और मिष्ठ वचन बोल नें पर बल देतें हुयें कहा हैं कि वचन ऐसे होनें चाहियें  जिससे स्वयं का और दूसरों का भी हित हो और किसी का अहित ना हो,, ये ही हित वचन होते हैं ्जब कि मित  वचन से आशय हैं कि जितना आवश्यक हो उतना बोलना है ज्यादा नहीं बोलना चाहिये , और साथ ही  हमें हमेशा प्रिय एवं मीठा बोलना चाहिये जिससे बोलने वाले को और उसे सुनने वाले दोनों को अच्छा लगें.
आचार्य  श्री ने  कहा कि  सत्मार्ग में चलने के साथ- साथ सत्संगति  भी  जरूरी  है | तभी कहा गया हैं कि जैसी होगी संगती वैसी होगी गति ,जैसी होगी संगती वैसी होगी मति, जैसी होगी मति वैसी होगी गति.हमें गुणी जनों कि संगती में  रहना चाहिये आचार्यश्री ने बताया कि आचार्यों द्वारा शास्त्रों के माध्यम से हमें मोक्षमार्ग के बारे में एवं उसमे चलने कि विधि और उसे पाने के लिए अथक पुरुषार्थ के बारे में बताया है. ऊन्होंने कहा कि जिन देव जिन्होंने स्वयं को जीत लिया अपनी इन्द्रियों को जीता और मोक्ष मार्ग में चलकर मोक्ष को प्राप्त किया, हमें पूर्वाचार्यों द्वारा रचित पुराण ग्रंथों का अध्ययन व स्वाध्याय प्रतिदिन करना चाहिए। चार अनुयोगों में से कम से कम प्रथमानुयोग को जरूर पढ़ना चाहिए, जिसमे महापुरुषों के जीवन चरित्र के बारे में उल्लेख किया गया है, जिसे पढ़कर आपको पता चलेगा कि कितनी विषम परिस्थितियां होने के बाद भी नियम, संयम को नहीं छोड़ा और सब कुछ अपना कर्म फल मानकर जीवन पर्यन्त सहन करते रहे। ऐसे ही संघर्षपूर्ण जीवन यापन करने के बाद ही महापुरुष बन पाते हैं।

इस अवसर पर श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन ने बताया की क्षेत्र में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी की विशेष कृपा एवं आशीर्वाद से अतिशय तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी मंदिर निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है और यहाँ प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में कक्षा चौथी से बारहवीं तक CBSE पाठ्यक्रम में विद्यालय संचालित है और इस वर्ष से कक्षा एक से पांचवी तक डे स्कूल भी संचालित हो चुका है | यहाँ गौशाला का भी संचालन किया जा रहा है जिसका शुद्ध और सात्विक दूध और घी भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहता है | यहाँ हथकरघा का संचालन भी वृहद रूप से किया जा रहा है जिससे जरुरत मंद लोगो को रोजगार मिल रहा है और यहाँ बनने वाले वस्त्रों की डिमांड दिन ब दिन बढती जा रही है | यहाँ वस्त्रों को पूर्ण रूप से अहिंसक पद्धति से बनाया जाता है जिसका वैज्ञानिक दृष्टि से उपयोग कर्त्ता को बहुत लाभ होता है|आचर्य श्री के दर्शन के लिए दूर – दूर से उनके भक्त आ रहे है उनके रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है | कृपया आने के पूर्व इसकी जानकारी कार्यालय में देवे जिससे सभी भक्तो के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था कराइ जा सके


 चंद्रगिरी डोंगरगढ़ के ट्रस्टी सिंघई निशांत जैन निशु  के अनुसार  आचार्य श्री ने कहा कि लक्ष्य की ओर चलने से मोक्ष पा सकते हैं.आचार्य ने कहा कि महापुरुषों के जीवन चरित्र को पढ़कर हमारा उत्साह हमेशा सत्मार्ग की ओर बढ़ता है और ऐसे ही उत्साह पूर्वक अपने लक्ष्य की ओर चलने से लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त किया जा सकता है। आचार्यश्री को नवधा भक्ति पूर्वक आहार कराने का सौभाग्य निर्मल काला बिजौलिया निवासी परिवार को प्राप्त हुआ, जिसके लिए चंद्रगिरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन, कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बडजात्या, सुभाष चन्द जैन, चंद्रकांत जैन, सिंघई निखिल जैन,  सप्रेम जैन, निशांत जैन सोनू, प्रतिभास्थली के अध्यक्ष प्रकाश जैन पप्पू भैया ने शुभकामनाएं दी। वीएनआई ( edited by shobhna jain)


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

altimg
प्रार्थना

Posted on 17th Jan 2016

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india