उप्र के शिक्षामित्रों की 5 सितंबर से विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी

By Shobhna Jain | Posted on 29th Aug 2017 | देश
altimg

लखनऊ, 29 अगस्त (वीएनआई/आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन रद्द कर दिया था। इसके बाद उप्र सरकार और शिक्षामित्र संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नही निकल पाया है। इस बीच शिक्षामित्रों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर कोई हल नहीं निकला तो वे पांच सितंबर से विधानसभा का घेराव करेंगे। 

शिक्षामित्रों की मांगों पर विचार करने के लिए हालांकि मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में समिति बनाई है।  यह समिति शिक्षामित्रों के प्रत्यावेदन पर विचार करके अतिशीघ्र अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस समिति में सूचना विभाग, न्याय विभाग, समाज कल्याण व वित्त विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य बनाए गए हैं। शिक्षामित्र समायोजन होने तक समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम पद्घति के स्कूली शिक्षकों की तरह मानदेय की मांग कर रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक संविदा पर तैनात हैं और इन्हें 27,000 रुपये 11 महीने 29 दिन का मानदेय दिया जाता है।

शिक्षामित्रों का कहना है कि इस तर्ज पर परिषद में भी शिक्षकों के वेतन के समकक्ष उन्हें भी मानदेय दिया जाए। वहीं वे अध्यादेश लाकर टीईटी से छूट देते हुए शिक्षक बनाने की मांग भी कर रहे हैं। शिक्षामित्र नेताओं का कहना है कि शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश ला सकती है। शिक्षक कल्याण समिति ने शिक्षक दिवस के मौके पर विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा का कहना है कि यदि सरकार ने तीन दिनों के भीतर शिक्षामित्रों पर निर्णय नहीं लिया तो पांच सितंबर को विधानभवन का घेराव किया जाएगा। 


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day
Posted on 23rd Apr 2025

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india