नई दिल्ली, 11 जून, (वीएनआई) देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नीट पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले में आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिका को यह कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने पीआईएल को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है लेकिन याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की छूट दी है।
गौरतलब है कि डीएमके, सीपीआई, और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सहित कई राजनीति पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें नीट के तहत मेडिकल कॉलेजों में सीटों को लेकर 50 फीसदी ओबीसी आरक्षण की मांग की थी।
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