लखनऊ, 31 जुलाई
(आईएएनएस, वी एन आई) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर का रामगढ़ ताल भी अब मुंबई के जुहू चौपाटी की तर्ज पर विकसित होगा। पयर्टकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने इस ऐतिहासिक ताल के आसपास के क्षेत्रों को पयर्टन के दृष्टि से विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने रामगढ़ ताल के सौंदर्यीकरण की कवायद शुरू कर दी है। पिछले कई वर्षोंसे इस ताल में पूरे शहर का कचरा बहाया जाता था, लेकिन सरकार अब इसको टूरिज्म हब बनाकर इसका सौंदर्यीकरण करवा रही है।
अधिकारियों का दावा है कि 1700 एकड़ में फैले इस रामगढ़ ताल के चारों ओर सड़क का निर्माण कराया जाएगा, जिससे आने वाले समय में पर्यटक इस बदले स्वरूप का आनंद ले सकेंगे। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वी. सी. ओम नारायण सिंह के मुताबिक, "रामगढ़ ताल के चारों तरफ सड़क का निर्माण करवाया जा रहा है। वहीं बच्चों के खेलने के लिए पिकनिक स्पॉट बनाया जाएगा। सरकार की पास में ही चिड़ियाघर का निर्माण करवाने की भी योजना है, जिसके लिए प्रशासन से स्वीकृति मिल गई है।उन्होंने बताया कि रामगढ़ ताल पर वाटॅर स्पोर्ट्स और तारा मंडल का भी निर्माण करवाने की प्राधिकरण की योजना है, जिससे आने वाले वक्त में गोरखपुर शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश से भी टूरिस्ट मुंबई के जुहू चौपाटी का आनंद गोरखपुर में ले सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि रामगढ़ ताल एक विशाल और प्राकृतिक झील है। यह झील लगभग 1700 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। यह गोरखपुर की खूबसूरत जगहों में से एक है, जहां कई पर्यटक और स्थानीय लोग छुट्टियों में घूमने व झील में बोटिंग के लिए आते हैं। बौद्धकालीन इस तालाब के बनने के पीछे, एक राजा के अहंकार और उसके चलते आई त्रासदी की कहानी है। गोरखपुर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अकुलहीं गांव में रामगढ़ ताल के बनने की त्रासदी के राज छिपे हैं। इस गांव में ही स्थित है प्राचीन शिव मंदिर जहां से रामगढ़ ताल के बनने की कहानी शुरू हुयी। इसी गाँव के रहने वाले लोगों का कहना है कि इस प्राचीन शिव मंदिर से बहुत सी कहानियां जुडी हैं जिनमे से एक है रामगढ़ का राज्य ध्वस्त होने और रामगढ़ ताल बनने की कहानी भी है।रामगढ़ ताल झील के अलावा, यहां पर जल क्रीड़ा केन्द्र, बौद्ध संग्रहालय, तारा मण्डल, चम्पादेवी पार्क, टूरिस्ट बंग्लो, सिरकुट हाउस एवं अम्बेडकर उद्यान आदि भी विशेष रूप से दर्शनीय स्थल प्रसिद्ध है।
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