नई दिल्ली, 14 फरवरी, (वीएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में आज अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र को एसीबी का अधिकार दिया है, साथ ही सर्विसेज का मामला बड़ी बेंच को भेजा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं पर नियंत्रण किसके पास है, इसपर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की राय अलग-अलग रही। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अपना खंडित फैसला बड़ी बेंच के पास भेज दिया। हालांकि दो सदस्यीय पीठ भ्रष्टाचार रोधी शाखा, राजस्व, जांच आयोग और लोक अभियोजक की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमत हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस अधिसूचना को बरकरार रखा है कि दिल्ली सरकार का एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में उसके कर्मचारियों की जांच नहीं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र के पास जांच आयोग नियुक्त करने का अधिकार होगा। फैसले के तहत स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा। वहीं, ऐंटी-करप्शन ब्रांच केंद्र के अधीन रहेगी क्योंकि पुलिस केंद्र के पास है। रेवेन्यू पर एलजी की सहमति लेनी होगी। इलेक्ट्रिसिटी मामले में डायरेक्टर की नियुक्ति सीएम के पास होगी।
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