भारत में पहली बार किन्नरों के लिए खुलेगी मॉडलिंग एजेंसी

By Shobhna Jain | Posted on 6th Feb 2016 | देश
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नई दिल्ली, 6 फरवरी भारत में जहां एलजीबीटी समुदाय अपने मानवाधिकार की रक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 377 हटवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। वहीं, पहली बार किन्नरों के लिए एक मॉडलिंग एजेंसी खुल रही है। यह विचार दिल्ली की किन्नर कार्यकर्ता रुद्राणी क्षेत्री का था। उनका कहना है कि उन्होंने कई सारी सुंदर किन्नरों को निराशा में बदसूरती का अहसास करते देखा है। आईएएनएस को उन्होंने बताया, "मैं भी उनमें से एक थी और जब मैं जवान थी तो मेरे पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था। हमारे अंदर यह तीव्र भावना होती है कि मुख्यधारा का समाज हमें स्वीकार करे और हम भी वे सारे काम कर सकें जो दूसरे लोग करते हैं। मैं समझती हूं कि इस एजेंसी के खुलने से युवा किन्नर अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।" छेत्री मित्र ट्रस्ट की संस्थापक हैं जो शहर के लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करती है। उन्होंने ही यह मॉडलिंग एजेंसी खोली है। इस एजेंसी का लक्ष्य शीर्ष के पांच किन्नर मॉडलों का चुनाव कर उन्हें मुख्यधारा की मीडिया में काम दिलवाना है। इसके लिए वे पूरे भारत में ऑडिशन आयोजित करेंगे। इसके लिए उन्होंने फैशन स्टाइलिस्ट और फोटोग्राफर रिशी राज से हाथ मिलाया है। वे इन मॉडल्स को प्रमुख फैशन पत्रिकाओं में काम दिलवाएंगे। इस रविवार को नई दिल्ली में वे वॉक इन ऑडिशन आयोजित कर रहे हैं और इसमें चुनी हुई मॉडलों का फोटो शूट किया जाएगा। राज ने आईएएनएस को बताया, "मैं इस फोटोशूट में किन्नरों के प्राकृतिक उभयलिंगी सुंदरता को उभारने और उन्हें बढ़ाने की कोशिश करूंगा।" इस उद्यम के लिए बिटगिविंग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है। छेत्री ने बताया, "हम इस उद्यम के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि हम अपने समुदाय के साथ काम कर सकें। हम पिछले आठ महीने से अपने कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इसके अलावा हम यौन कर्मियों को कंडोम तक मुहैया नहीं करवा रहे हैं जबकि उन्हें सबसे ज्यादा खतरा होता है।" मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिकता के मामले को बड़ी पीठ के हवाले करने के फैसले का एलजीबीटी समुदाय ने स्वागत किया है। निवेदिता, आईएएनएस

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