नई दिल्ली, 05 जुलाई, (वीएनआई)। केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले किसानो को बड़ी सौगात देते हुए बीते बुधवार को धान की न्यूनतम कीमत को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। हालाँकि किसान संगठन ने इसे एक जुमला बताया है।
गौरतलब है मोदी सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया जा रहा है, जिसमे पहली बार इतनी बड़ी बढ़ोतरी की गई है। लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों के बढ़ते असंतोष को भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती मन जा रहा था। मोदी सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए धान की एमएसपी को ऐतिहासिक रूप से बढ़ाने का फैसला लिया। लेकिन किसानों के मजबूत संगठन का कहना है कि यह भी एक जुमला साबित होगा, लिहाजा अक्टूबर माह में किसान संसद को ट्रैक्टर से घेरेंगे।
धान के अलावा अन्य फसलों की एमएसपी को भी बढ़ाने का फैसला लिया गया है जिसमे कॉटन सीड, दालें आदि शामिल हैं। पिछले तीन सालों में की गई बढ़ोतरी की तुलना में यह 25 फीसदी बढ़ोतरी है, लिहाजा माना जा रहा है कि मोदी सरकार का यह फैसला पार्टी के लिए आगामी चुनाव में संजीवनी साबित होगा। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सरकार पर 15000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा, जिससे महंगाई दर बढ़ने का खतरा है। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के इस फैसले के बारे में कहा कि इससे पहले किसी भी सरकार ने इतनी बड़ी बढ़ोतरी एमएसपी में नहीं की है। राजनाथ सिंह ने इस फैसले का ऐलान करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की फसल नहीं बिकती है तो सरकार मार्केट दाम और लागत के बीच का अंतर का भुगतान किसानों को करेगी।
No comments found. Be a first comment here!