नई दिल्ली, (वीएनआई )भारत तथा चीन के बीच जहा इन दिनो सीमा पर तनाव चल रहा है और दोनों देश सीमा पर एक दूसरे के आमने सामने डटे है, वहीँ दोनों के बीच आर्थिक, व्यापारिक सम्बन्धो को बढ़ावा देने के लिये प्रयास भी जारी है। आगामी सितंबर मे चीन मे दोनो देश मिल कर व्यापार मेला कर रहे है ,जिससे द्विपक्षीय व्यापा्रिक सम्बन्धो को बढ़ावा दिये जाने के साथ ही साथ ही भारतीय व्यापारों एवं उत्पादों का प्रचार करने के अवसर मिलेगा.
भारत-चीन आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिषद (आईसीईसी) ने चीन के डोग्वान म्युन्सिपल गवर्नमेंट के सहयोग से कल रात इस मेले के सिलसिले मे 'ग्वांगदोंग 21 सेंचुरी मेरीटाइम सिल्क रोड अंतर राष्ट्रीय व्यापार मेला' एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमे भारतीय उधोगजगत को विशेष रूप से हेंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रो में चीन के उभरते बाजार में ध्यान केंद्रित करने की ओर बल दिया गया। इस दौरान दोनों देशो के बीच एक समझौता-एमओयू पर भी हस्ताक्षार किया गया। इस व्यापार मेला, एक्सपो का चीन के ग्वांगदोंग प्रान्त में 21 से 24 सितम्बर को इस वर्ष आयोजन किया जायेगा।
इस समारोह के दौरान भारत सरकार के वरिष्ठ निदेशक (हेंडीक्राफ्ट) एस के. झा ने कहा कि भारतीय उधोग जगत विशेष रूप से हेंडीक्राफ्ट जैसे क्षेत्रो में चीन के उभरते बाजार में ध्यान केंद्रित कर रहा है। अब वस्तुओं के निर्यात के बजाय निर्मित माल पर भी ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन भारत को निर्यात के वैल्यू एडेड सेगमेंट की ओर रुख करना होगा। यह ऐसा तरीका है जिससे व्यापर घाटे को कम किया जा सकता है। उन्होने कहा " भारतीय कंपनियों को यह प्रदर्शनी चीन के उपभोक्ता बाजार में प्रवेश करने का बेहतरीन मंच देगी, जिसका वार्षिक टर्नओवर 3.8 खरब अमेरिकी डॉलर है।
इस मौके पर भारत स्थित चीनी दूतावास में आर्थिक ओर वाणिज्यिक काउंसलर कार्यालय की सचिव ली रॉन्गरॉन्ग ने कहा कि आगामी एक्सपो ग्वांगदोंग प्रान्त ओर भारत के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के बेहतरीन अवसर है। उन्होंने कहा दोनों देश की सरकारे अधिक व्यापार ओर निवेश की सुविधा प्रदान करना चाहती है। साथ ही उन्होंने कहा हाल के वर्षो में दोनों देश के शीर्ष नेताओं और लोगो के संयुक्त प्रयास से भारत-चीन संबंध विकसित हो रहा है। यह एक्सपो चीन और दक्षिण एशियाई देशो के बीच अंतराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का एक ठोस कदम है।
वहीं इस मौके पर आईसीईसी के महासचिव मोहम्मद साकिब ने कहा की इस एक्सपो का लक्ष्य भारत और ग्वांगदोंग प्रान्त जे बीच व्यापार सम्बन्धो को बढ़ावा देना और साथ ही भारतीय व्यापारों एवं उत्पादों का प्रचार करने के अवसर प्रदान करना है जिससे विदेशी कारोबार को प्रोत्साहन मिलेगा। आगे उन्होंने कहा की इस तरह के संवाद अधिक बार होने चाहिए ताकि दोनों देशो के बीच मौजूद दूरियां कम करने में मदद मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार चीन के साथ व्यापार संबंध बढ़ाने को लेकर तत्पर है और हम सभी का स्वागत करते है।
श्री चेन क्विंगसॉन्ग ने कहा की इससे पहले ग्वांगदोंग मे 2014 में आयोजित हुए पहले व्यापार मेले में 13 भारतीय कंपनी ने हिस्सा लिया, जिसमे भारतीय पवेलियन की बेहतरीन वस्तुओं के प्रदर्शन और पर्यटन संस्कृति ने सभी को प्रभावित किया। वहीं गत वर्ष हुए एक्सपो में 104 भारतीय कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया,, जिसमे कुल 6 करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर की बिक्री रही।
इस मौके पर वरिष्ठ निदेशक (हेंडीक्राफ्ट) भारत सरकार के एस, के. झा, डोंग्वान म्युन्सिपल गवर्नमेंट के उप महासचिव चेन क्विंगसॉन्ग, भारत स्थित चीनी दूतावास में आर्थिक ओर वाणिज्यिक काउंसलर कार्यालय की सचिव ली रॉन्गरॉन्ग, आईसीईसी के महासचिव मोहम्मद साकिब और भारत एवं चीन से व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल उपस्थित थे।