नई दिल्ली, 03 अगस्त, (वीएनआई) सरकार सर्वोच्च न्यायलय की सख्ती के बाद सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए सोशल मीडिया हब बनाने के फैसले से पीछे हट गई है।
गौरतलब है 13 जुलाई को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह 'निगरानी राज' बनाने जैसा होगा। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सरकार नागरिकों के वॉट्सऐप संदेशों को टैप करना चाहती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया हब बनाने का निर्णय लिया था।
केंद्र ने सर्वोच्च न्यायलय की सख्ती के बाद आज शीर्ष अदालत को बताया कि वह सोशल मीडिया की निगरानी नहीं करेगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने सरकारी बयान के बाद इस मामले का निस्तारण कर दिया गया। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया था साथ ही इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा था।
No comments found. Be a first comment here!