अरुण जेटली के कहा कर्ज बंटवारे को रोकने में नाकाम रहा रिजर्व बैंक

By Shobhna Jain | Posted on 30th Oct 2018 | देश
altimg

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर, (वीएनआई) केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज देश के भारतीय रिजर्व बैंक की आलोचना करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। 

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई पर 2008 से 2014 के बीच कर्ज देने वाले बैंकों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।  जेटली ने कहा, वैश्विक आर्थिक संकट के बाद आप देखें तो 2008 से 2014 के बीच अर्थव्यवस्था को कृत्रिम रूप से आगे बढ़ाने के लिए बैंकों को अपना दरवाजा खोलने तथा मनमाने तरीके से कर्ज देने को कहा गया था। केंद्रीय बैंक की निगाह कहीं और थी। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों में एनपीए में लगातार इजाफा हुआ। जेटली ने कहा कि 2008 की वैश्विक मंदी के बाद तत्कालीन सरकार ने बैंकों को लोन बांटने की खुली छूट दे दी। यही वजह थी कि उस दौरान क्रेडिट ग्रोथ एक साल में 14% की सामान्य दर से बढ़कर 31% हो गई। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच की लड़ाई अब खुल कर सामने आ गई है। 

इससे पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने बीते शुक्रवार को कहा था कि केंद्रीय बैंक की आजादी की उपेक्षा करना बड़ा घातक हो सकता है। उनकी इस टिप्पणी को रिजर्व बैंक के नीतिगत रुख में नरमी लाने और उसकी शक्तियों को कम करने के लिए सरकार के दबाव और केंद्रीय बैंक की ओर से उसके प्रतिरोध के रूप में देखा जा रहा है। आचार्य ने कहा था कि आरबीआई बैंकों के बही-खातों को दुरुस्त करने पर जोर दे रहा है। ऐसे में उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बेहतर नियमन के लिए आरबीआई को अधिक शक्तियां देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि व्यापक स्तर पर वित्तीय तथा आर्थिक स्थिरता के लिए यह स्वतंत्रता जरूरी है।


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india