एक शाम शब्दो की ताकत के नाम...

By Shobhna Jain | Posted on 21st Nov 2017 | देश
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नई दिल्ली, 21 नंवबर (अनुपमा जैन/ वीएनआई) एक मुस्कराती सी चहकती सी शाम मे सपने बुनती महिलाये,कही सपनो के टूटने पर शोक मगन लोग, तो कही देहात के मेले मे कुछ खरीदने के लिये व्यापारियो से मोल भाव के लिये मनुहार करती महिलाये तो कही एक युवा का युवती के समक्ष प्रणय निवेदन और उस युवती को युवा का प्रणय निवेदन स्वीकार करने के लिये मनाता पूरे का पूरा गॉव और युवती के हॉ कहते ही उत्सव मनाता पूरा गॉव, जहा सभी अपने है, साझे गम है, साझी खुशियॉ है....

राजधानी के एक मशहूर ऑडीटोरियम मे एक खास समारोह मे  न/न केवल लतीनि अमरीकी देश ग़्वाटेमाला के लोक शैली नृत्य मे उकेरी गई इन्ही भाव मुद्राओ ने दर्शको और रसिको को भाव विभोर कर दिया बल्कि इस के साथ इस कार्यक्रम मे टी वी पत्रकार गौरी दविदी के मंत्र मुग्ध करने वाले ओडीसी शास्त्रीय नृत्य ने दर्शको को  कला के रसास्वादन के एक  नये धरातल पर पहुंचा दिया.गौरी के सशक्त शिव तांडव नृत्य और विष्णु के दशावतार पर आधारित नृत्य ने एक अदभुत समॉ बना  दिया. समारोह मे गौरी की सशक्त प्रस्तुति मे ऑख और चेहरे के भाव प्रदर्शन बहुत सराहा गया.और दोनो आयोजनो  पर दर्शको की करतल ध्वनि से  देर तक सभागार गूंजता रहा.

ग्वाटेमाला के ्मोर्डन और नेशनल  फॉक लॉरिक बैले ग्रुप द्वारा प्रस्तुत  नृत्य संगीत प्रस्तुति के दौरान ऐसा लग रहा था कि लतीनि अमरीकी समृद्ध प्राचीन माया संस्कृति कल शाम मानो राजधानी मे उतर आयी हो. लेकिन साथ ही यह एहसास फिर से जागा कि मानवीय भावनाये दुनिया भर मे एक ही है.ग्वाटेमाला की प्रस्तुति मे ्युवतियॉ जिस देहात के हाट, बाजार मे थी, वह कही भारत के अपने ही किसी देहात के हाट जैसा ही लग रहा था जहा  कान के झुमको ,चूड़ियो के खरीदने के लिये  गॉव्  की अल्हड़ युवतियॉ  ्मनुहार भ्रा मोल भाव करती ्है और सौदा हो जाने पर खिलखिला उठती है.नृत्य संगीत की शाम मे  ग्वाटेमाला के दल द्वारा 'मार्बी' एक  ही वाद्य पर सात सात संगीतग्ज्ञो का एक  साथ एक सुर ताल से वादन  शाम की एक अन्य उत्कृष्ट प्रस्तुति रही. यह सांस्कृतिक प्रसतुतियॉ महिला पत्रकारो की अग्रणी संस्था 'इंडियन वुमेन प्रेस कोर' आई ड्ब्ल्यु पी सी के २३ वें सालाना जश्न के अवसर पर हुई जो कि इस संस्था ने  विदेश मंत्रालय की संस्था भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद आई सी सी आर के सहयोग के साथ मिल कर मनाया.देश की जानी मानी पत्रकारो से ले बड़ी तादाद मे महिला पत्रकार और विशिष्ट मेहमान,राजनयिक और रसिक जन इस समारोह मे मौजूद थे. गौरी आई ड्ब्ल्यु पी सी की सदस्य भी है.

केन्द्रीय पर्यावरण.विज्ञान और तकनीकि मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस समारोह मे मुख्य अतिथि थे.्समारोह मे आई सी सी आर की महा निदेशक सुश्री रीवा गॉगुली दास खास तौर पर मौजूद थी. सुलभ समाजिक संस्था के ्माध्यम से  समाजिक चेतना अभियान चला रहे सुलभ संस्था के ्संस्थापक अध्यक्ष  डॉ बिंदेश्वर पाठक समारोह मे विशिष्ट अतिथि थे.समारोह मे संस्था की गतिविधियो का लेखा जोखा और महिला पत्रकारो के लेख को संजोने वाली स्मारिका का भी डॉ हर्षवर्धन ने विमोचन किया.स्मारिका का  इस वर्ष रखा गया' आजादी के ७० साल-मीडिया की चुनौतियॉ'  बाद मे आई ड्ब्ल्यु पी सी की मेनेजिंग कमेटी की सदसो ने सभी अतिथियो को पत्रिका की प्रतियॉ भेंट की. इस मौके पर संस्था की गतिविधियो का लेखा जोखा  और संस्था की  यात्रा और पत्रकारिता की ्सामायिक चुनौतियों की चर्चा करते हुए संस्था की अध्यक्ष सुश्री शोभना जैन ने  कहा कि ााज ऐसा दौर है जबकि दुनिया राजनैतिक बदलाव के दौर से गुजर रही हैआर्थिक उथल पुथल ्का सामना दुनिया भर कर रही है, भारत सहित दुनिया भर मे पत्रकारिता भी चुनौतियो का सामना कर रही है.खबर क्या हो, क्या होनी चाहिये, पत्रकारिता  क़ी स्वतंत्रता  ,पत्रकारो की सुरक्षा, उनकी आर्थिक समाजिक सुरक्षा, खास कर महिला पत्रकारो के सुरक्षा गंभीर सवाल खड़े कर रही है सवालो का घेरा घना हैयह तमाम सवाल जबाव चाहते है. उन्होने कहा कि शब्दो मे बहुत ताकत होती है और यही शब्द पत्रकारो की ताकत होते है. यह शाम शब्दो की इसी ताकत को समर्पित है.

इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने महिलाओ पत्रकारो की जुझारू प्रवृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पत्रकारो  के समक्ष काफी चुनौतियॉ होती है, साथ ही उन की समाज के प्रति जिम्मेवारियॉ भी है. उन्होने कहा कि पत्रकारो को सकारात्मक लेखन पर विशेष ध्यान देना चाहिये.उनका सुझाव था कि भारत मे विज्ञान के क्षेत्र मे तेजी से हो रही प्रगति के मद्देनजर पत्रकार इन विषयो पर सप्ताह मे कम से कम एक लेख लिख कर जनता को  इन विषयो पर जागरूक करने की अलख जलाये. इस अवसर पर सुश्री दास ने कहा कि परिषद का प्रयास है कि विदेशो की संस्कृति की झलक हमारे देश वासियो को उन के देश मे मिल पाये इसी लिये परिषद समय समय पर ऐसे आयोजन करती रही है.उन्होने  कहा कि इसी तरह परिषद भारतीय संस्कृति की झलक विदेशो मे दिखाती है और इन आयोजनो को बहुत पसंद किया जाता है. उन्होने कहा कि विभिन्न संस्कृतियो को जोडने के इसी दायि्व को निभाने मे  परिषद जुटा है. सुश्री दास ने आशा व्यक्त की कि ग्वाटेमाला के  सांस्कृतिक दल के प्रदर्शन से भारत और ग्वाटेमाला ्के संबंधो मे और मजबूती आयेगी साथ ही  आई सी सी आर और आई ड्ब्ल्यु पी सी के बीच साझीदारी और मजबूत होगी.इस अवसर पर ्डॉ पाठक ने कहा कि पत्रकारो की चुनौतियॉ है साथ ही उन पर समाजिक सरोकारो को उठाने की जिम्मेवारी भी है. उन्होने कहा कि सुलभ सदैव ही पत्रकारो विशेष तौर पर महिला पत्रकारो की जिजिवषा  और जुझारू पन का प्रंशसक रहा है, तथा  उनके इस अभियान को समर्थन देता रहेगा. परिषद के निदेशक अतुल पी गोस्तुरवे ने कहा कि  इस तरह के आयोजन से दोनो देशो की संस्कृति निश्चय ही नजदीकी आती है, जनता के बीच प्रगाढता बढती है. समारोह मे विशेष तौर पर मौजूद ग्वाटेमाला के राजदूत ने ग्वाटेमाल के सांस्कृतिक दल को भारत मे निमंत्रित करने केलिये परिषद और आई ड्ब्ल्यु पी सी का आभार जताया और् कहा कि दोनो देश दो ध्रुवो पर है पर विरासत साझी है.इस तरह के आयोजन से जनता संस्कृतियो की  साझी विरासत को बेहतर तरेके से समझती है और एक दूसरे की जनता के बीच सर्क बढता हैवी एन आई


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