नई दिल्ली, 1 फरवरी (वीएनआई)| लोकसभा में आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि उत्पाद एवं सीमा शुल्क पर उनके प्रस्तावों से सरकारी खजाने को कोई खास लाभ या हानि नहीं होगी।
सरकार के इस बजट से कुछ चीजें सस्ती हुई हैं तो कुछ महंगी हुई है।
सस्ते हुए सामान : पवन चक्की, आरओ, पीओएस, पार्सल, चमड़े का सामान, सौर पैनल, प्राकृतिक गैस, बायोगैस, नायलॉन, ऑनलाइन रेल टिकट, सिल्वर फॉयल, सौर ऊर्जा, डिब्बाबंद सब्जियां, नमक, जीवन रक्षक दवाइयां, एलसीडी एवं एलईडी, फिंगर प्रिंट रीडर एवं स्कैनर।
महंगे हुए सामान : मोबाइल फोन, पान मसाला, सिगरेट, सिगार, बीड़ी, तंबाकू, एलईडी बल्ब, चांदी का सामान, हार्डवेयर, स्टील का सामान, ड्राय फ्रूट्स, चांदी के गहने, एल्यूमीनियम, मोबाइल फोन विनिर्माण में काम आने वाले प्रिंटेड बोर्ड, एलईडी बल्ब विनिर्माण में उपयोग होने वाले कल-पुर्जे, पार्सल के जरिए आयातित सामान, वाटर फिल्टर मेंब्रेन, स्टेनलेस स्टील टेप्स, चमड़े के फुटवियर, विदेशी साइकिल।
वित्तमंत्री जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा, केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के जरिए केंद्र सहकारी संघवाद की भावना से समझौता किए बिना जीएसटी को लागू करने के लक्ष्य को हासिल करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, जीएसटी लागू होने से केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक कर मिल सकता है क्योंकि इससे कर का दायर बढ़ेगा। मैंने उत्पाद एवं सेवा कर के मौजूदा ढांचे में अधिक बदलाव नहीं करना पसंद किया क्योंकि इनके बदले जल्द ही जीएसटी लागू होने वाला है।