नई दिल्ली 26 दिसंबर, (वीएनआई) वर्चुयल दुनिया के बढते दायरे के साथ साथ आईटी (इफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) आधारित सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी परेशानी का कारण बन रही हैं हर रोज दुनिया के किसी न किसी कोने में नेटवर्क, वेबसाइट और ई-मेल अकाउंट्स की सुरक्षा दांव पर लगी होती है। इंटरनेट पर साइबर अपराध के मामलों में चिंताजनक रफ्तार से वृद्धि देखी जा रही है, इन मामलों में किसी व्यक्ति या संस्था के कंप्यूटर सिस्टम में सेंध लगाकर संवेदनशील डाटा चुराने से लेकर पासवर्ड चोरी करने, भद्दे ई-मेल भेजने और ई-मेल अकाउंट को हैक करने जैसी घटनाएं शामिल होती हैं,इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों से सूचनाओं को अवैध ढंग से प्राप्त करने वालों को हैकर कहा जाता है।
शायद इसीलिये इन दिनों साइबर अपराधों की बढ़ती तादाद के बीच मूल्यवान इंफॉर्मेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकरों की मांग जोर पकड़ रही है। इस कारण यह पेशा नौकरी की आकर्षक संभावनाओं के द्वार खोल रहा है। इसके साथ साथ ही कंप्यूटर प्रेमियों के लिये यह काम कोडिंग के ऊबाऊ काम से हटकर बेहद चुनौतीपूर्ण भी हैं. विशेषज्ञो के अनुसार इन दिनों हैकिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं इसलिए उन्हें रोकने के लिए हैकिंग के जानकार ऐसे पेशेवरों की जरूरत महसूस की जाने लगी है जो कॉर्पोरेट नेटवर्कों और वेबसाइटों को हैक होने से बचा सकें. कंपनी की अनुमति से एथिकल या वैध हैकर कॉर्पोरेट नेटवर्क की तह में जाता है और उसकी सुरक्षा के लिए कुछ नए उपाय निकालता है.
यूं तो हैकिंग को खराब शब्द माना जाता रहा है हैं और उसे चोरी वाला काम समझा जाता है लेकिन अब ऐसे पेशेवर लोगों की मांग बढ़ रही है जो हैकिंग के खतरों को अच्छी तरह समझते हैं.ये लोग हैकिंग के सारे दांवपेच जानने के कारण उसके खतरों का मुकाबला कर सकते हैं और हैकिंग करने वालों की कोशिशें नाकाम कर सकते हैं, मगर जब यही काम कंप्यूटर सिस्टम के सुरक्षा उपायों को जांचने और उसे पुख्ता बनाने के उद्ेदश्य से किया जाता है, तो उसे एथिकल हैकिंग कहते हैं। एथिकल हैकर का काम करने वाले इन पेशेवरों को व्हाइट हैट्स या पेनिशन टेस्टर या एथिकल हैकर कहा जाता हैं।कंप्यूटर और नेटवर्क से संबंधित तकनीकों में इन्हें विशेषज्ञता प्राप्त होती है और इनका काम अपने नियोक्ता (कंप्यूटर सिक्योरिटी उत्पाद बनाने वाली कंपनी) के लिए किसी निर्धारित कंप्यूटर सिस्टम पर हमला करना होता है, ताकि सिस्टम की उन कमियों का पता लगाया जा सके, जिन्हें तलाशकर हैकर साइबर अपराधों को अंजाम देते हैं।
फिलहाल देश में एथिकल हैकरों की काफी ज़रूरत है। इसलिए कई-कई कंपनियां अपने नेटवर्क में मौजूद खामियों को खोजने के लिए एक ही पेशेवर की मदद लेती हैं। इन पेशेवरों की सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में भी काफी पूछ है। सेना, पुलिस बलों (सीबीआई और एनआईए शामिल), फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं और रक्षा अनुसंधान संगठनों में विशेष रूप से एथिकल हैकरों की मदद ली जाती है। जासूसी एजेंसियों में भी इनके लिए काफी अवसर हैं।अगर ्डिग्री क की बात की जाये तो इस कोर्स के वे ग्रेजुएट जिनके पास बीटेक या एमसीए की भी डिग्री है वेतन के तौर उन्हें शुरुआत मे प्रति माह 25,000 से 30,000 रु. मिल सकते हैं. जिनके पास किसी अन्य विषय की डिग्री है उन्हें शुरुआत में प्रतिमाह 20,000 रु. का वेतन मिल सकता है.
एथिकल हैकर बनने के लिये उपलब्ध कोर्स हैंः
सर्टिफिकेट कोर्स इन साइबर लॉ
सीसीएनए सर्टिफिकेशन
सर्टिफाइड एथिकल हैकर
सर्टिफाइड इंफॉर्मेशन सिस्टम सिक्योरिटी प्रोफेशनल
एमएससी साइबर फॉरेंसिक्स एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी
पीजी डिप्लोमा इन डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक्स
पीजी डिप्लोमा इन साइबर लॉ
पीजी डिप्लोमा इन आईटी सिक्योरिटी
एडवांस डिप्लोमा इन एथिकल हैकिंग
इससे संबंधित संस्थान हैंः
एनआईईएलआईटी
सीईआरटी
इंडियन स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग
तिलक महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी
इन्नोबज नॉलेज सॉल्यूशन्स प्रा. लि.
आईएमटी गाजियाबाद
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी