सरकार के सहयोगी दल शिव सेना के साथ विपक्ष मिल कर पहुंचा चुनाव आयोग-कहा सरकार को आम बजट चुनावो से पूर्व एक फरवरी की बजाय चुनावो के बाद पेश करने के लिये किया जा सके ताकि सरकर बजट के जरिये मतदाताओ को प्राभावित करने के लिये लोक लुभावन घोषणा नही कर सके

By Shobhna Jain | Posted on 5th Jan 2017 | देश
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नई दिल्ली, 5 जनवरी (वीएनआई) देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनावों की तारीखों की घोषणा के ठीक एक दिन बाद विपक्षी पार्टियां ने एकजुट होकर आज चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया और कहा कि चुनावो के मद्देनजर आगामी एक फरवरी को पेश किये जाने वाले बजट को चुनावो के बाद आठ मार्च को पेश किया जाये. सरकार के सहयोगी दल शिव सेना के साथ कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी, बसपा, जनता दल युनाइटेड और लालू यादव की पार्टी आरजेडी ,द्र्मुक के प्रतिनिधि आज सुबह मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी आयोग से मिले. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके मुलाकात का मुद्दा बताया - 'विषय : बजट की तारीख मतदान के काफी करीब है.' विपक्ष का कहना है कि बजट को चुनाव समाप्त होने यानि आठ मार्च के बाद पेश किया जाना चाहिए और अगर ऐसा पहले किया गया तो अंदेशा है कि सरकार आसानी से लोक-लुभावन घोषणाओं से मतदाताओं को अपनी ओर खींच सकती है. लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ्का कहना है कि बजट पेश करना संवैधानिक जरूरत है। जेटली ने कहा, बजट लाना संवैधानिक जरूरत है।जेटली ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2014 से भी पहले अंतरिम बजट पेश हुआ था और इससे पहले भी चुनाव से पहले बजट पेश होते रहे हैं। आगामी 4 फरवरी से यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव होने हैं यानि 1 फरवरी को बजट की घोषणा के 72 घंटों के अंदर विधान सभा चुनाव शुरू हो जायेंगे. मतदान के नतीजे 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग के प्रमुख नसीम ज़ैदी ने बुधवार को ही पुष्टि की है कि उनसे कहा गया है कि सरकार को चुनाव से पहले बजट पेश करने के लिए रोका जाए. उन्होने कहा कि वे मामले से सम्बद्ध थथ्यो के जॉच करवा रहे है सूत्रो के अनुसार 2012 में जब इन्हीं राज्यों में चुनाव हुए थे, तब भी फरवरी में पेश होने वाला बजट, मार्च के मध्य में मतदान पूरा होने के बाद साझा किया गया था. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा 'चुनाव आयोग यह देखता है कि ऐसी कोई परिस्थिति पैदा न हो जिससे निष्पक्ष चुनाव का आयोजन विफल हो जाए.' हालांकि बीजेपी का कहना है कि बजट की तारीख को आगे बढ़ाने की कोई वजह नहीं है क्योंकि हर साल, कोई न कोई चुनाव जरूर होता है. बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा '2014 में भी बजट चुनाव से पहले ही पेश किया गया था.' सरकार ने तय किया है कि आम बजट को पहले पेश किया जा सके ताकि 1 अप्रैल से प्रस्तावों को लागू किया जा सके. ससंद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू होगा जब सरकार आर्थिक सर्वे पेश करेगी जिससे बजट की दिशा का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा. पिछले सितंबर कैबिनेट ने रेल बजट को भी आम बजट में शामिल करने का फैसला किया जिससे एक सदी से रेल और आम बजट अलग अलग पेश किए जाने के चलन का अंत हुआ. गौरतलब है कि गोवा और पंजाब में 4 फरवरी को, उत्तराखंड में मतदान 15 फरवरी को, मणिपुर में पहले चरण का मतदान 4 मार्च, दूसरे चरण का मतदान 8 मार्च को होगा. वहीं उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान कराया जाएगा. मतदान की तारीख 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा 4, 8 मार्च को होगी. सभी पांचों राज्यों में मतगणना 11 मार्च को कराई जाएगी.

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