नई दिल्ली26 नवंबर (वी एन आई) भारत के प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने एक बार फिर न्यायपालिका में जजों की कमी का मुद्दा उठाया और कहा कि विभिन्न हाई कोर्ट में जजों के 500 पद खाली पड़े हैं.
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ठाकुर ने कहा कि सरकार की तरफ़ से हमें सहूलियतें नहीं मिल रही हैं. हाइकोर्ट में फ़िलहाल 500 जजों के पद खाली हैं. अदालतों के कोर्ट रूम खाली नजर आते हैं.केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद हालांकि उनकी शिकायतों से सहमत नहीं और कहते हैं कि सरकार ने इस साल 120 जजों की नियुक्ति की है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम आदर के साथ उनसे (चीफ जस्टिस से) सहमत नहीं. हमनें इस साल 120 नियुक्तियां की हैं. 1990 के बाद से केवल 80 नियुक्तियां की गई हैं. निचली अदालतों में 5000 पद खाली हैं, जिनमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं. इस पर तो न्यायपालिका को ही कदम उठाने हैं. जहां तक बुनियादी ढांचों और सुविधाओं की बात है तो यह सतत जारी रहने वाली प्रक्रिया है.
न्याय मूर्ति ठाकुर ने कहा कि इसके साथ ही उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि अलग-अलग ट्राइब्यूनल में हमें अपने रिटायर्ड साथियों को भेजना पड़ता है, जो पीड़ा पहुंचाने वाली बात है.जस्टिस टीएस ठाकुर इससे पहले भी कई बार अदालतों में जजों की कमी का मुद्दा उठा चुके हैं. इसी साल अप्रैल में एक कार्यक्रम के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदी में जजों की कमी का मुद्दा उठाते हुए भावुक हो गए थे.
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