नई दिल्ली 11 अगस्त (वीएनआई) भारत में जन्मे और अब एनआरआई सुंदर पिचाई को दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है, सुंदर,गूगल के संस्थापक लैरी पेज की जगह लेंगे। वे फिलहाल कंपनी में प्रोडक्ट के सीनियर वीपी के तौर पर काम कर रहे थे।
43 साल के सुंदर पिचाई का जन्म 1972 में तमिलनाडु में हुआ था, सुंदर पिचाई अपने स्कूल वानावनी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान थे और इनकी कप्तानी में टीम ने तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीता था.बताया जाता है कि सुंदर पिचाई चेन्नई में दो कमरों वाले घर में रहते थे। उनके परिवार में टीवी, टेलीफोन, कार कुछ भी नहीं था। पढ़ाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का फायदा सुंदर को मिला जब आईआईटी खड़गपुर में उन्हें विशेष सीट मिल गई, उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। इंजीनियरिंग करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली। अमरीका के स्टैनफ़र्ड विश्विद्यालय से इंजीनियरिंग में एमएस करने के बाद सुंदर ने अमरीका के सबसे प्रतिष्ठित बिज़नेस स्कूलों में से एक व्हार्टन से एमबीए भी किया,पढ़ाई पूरी करने के बाद पिचाई ने कन्सल्टिंग कंपनी मैकिन्ज़ी के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट विभाग में कई सालों तक काम किया.
2004 में सुंदर पिचाई ने सर्च इंजन कंपनी गूगल ज्वाइन कर ली उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन अफसर थे उन्होने दुनिया भर में फैले कंपनी के ग्राहकों के इस्तेमाल के लिए बनाए जाने वाले नए प्रॉडक्ट्स की ज़िम्मेदारी संभाली.
सुंदर पिचाई ने ही जीमेल और गूगल मैप ऐप्स तैयार किए जो रातोंरात लोकप्रिय हो गए, इसके बाद पिचाई ने गूगल के सभी प्रॉडक्ट्स के लिए एंड्रॉयड ऐप भी इजाद किया. एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लॉन्च हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है। साल 2011 में ट्विटर ने पिचाई को जॉब ऑफर किया था लेकिन गूगल ने उन्हें 50 मिलियन डॉलर (305 करोड़ रुपए) देकर रोक लिया
सुंदर पिचाई की पत्नी का नाम अंजलि है और इनके दो बच्चों में एक बेटी और दूसरा बेटा है
कहा जाता है कि सुंदर पिचाई की याददाश्त ज़बरदस्त है. बताया जाता है कि जब तमिलनाडु में इनके घर पर 1984 में पहली बार टेलीफ़ोन लगा था, तब सभी रिश्तेदार किसी दूसरे का नंबर भूल जाने पर सुंदर की याददाश्त का सहारा लेते थे.
उल्लेखनीय है कि अल्फाबेट इंक नाम की नई कंपनी की स्थापना कर गूगल ने हमेशा की तरह सबको चौंका दिया. लैरी पेज को प्रोमोट करके अल्फाबेट का सीईओ बनाया गया है।गूगल अब अल्फाबेट की एक ईकाई होगी और गूगल की सभी गतिविधियां अल्फाबेट इंक के तहत संचालित होंगी, अब से गूगल का कोर बिजनेस अलग हो गया है, नए गूगल में सर्च, एड, मैप, एप, यूट्यूब और एंड्रॉयड का काम होगा। वहीं अल्फाबेट में कैलिको, नेस्ट, फाइबर समेत गूगल वेंचर और गूगल कैपिटल का कारोबार होगा