एग्रीबिजनेस में एमबीएः अवसरों की डिग्री

By Shobhna Jain | Posted on 15th Jun 2015 | देश
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नई दिल्ली 03 जुलाई (अनुपमा जैन वीएनआई) आर्थिक उदारीकरण के फलस्वरूप देश के कृषि क्षेत्र में वृहद स्तर पर आयात-निर्यात प्रारंभ हुआ और संबंधित रोजगारों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।कृषि का नया रूप अब उच्चस्तरीय टेक्नोलॉजी के साथ-साथ मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की मांग कर रहा है और अगर आपकी दिलचस्पी फूड कमोडिटी बिजनेस, इनपुट सप्लाई चेन मैनेजमेंट, एग्रीकल्चरल फाइनेंस, फूड प्रोसेसिंग और रुरल डेवलपमेंट में है तो आप एग्रीबिजनेस से जुड़ी पढ़ाई कर सकते हैं,एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट में कृषि उत्पादन से जुड़े विभिन्न संसाधनों, जैसे बीज, खाद्य पदार्थ, फर्टिलाइजर, कृषि उपकरण, ऊर्जा आदि को शामिल किया जाता है तथा इंश्योरेंस, मार्केटिंग, स्टोरेज, प्रोसेसिंग, ट्रांसपोर्टेशन, पैकिंग आदि कई सेवाएं भी इसके तहत आती हैं।, जो छात्र एग्रीबिजनेस में एमबीए करते हैं उनके लिए इस क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसर हैं, क्योंकि आज अनेक राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इस क्षेत्र के प्रशिक्षित व्यक्तियों को उच्च वेतनमान पर नियुक्त कर रही हैं। इसके अलावा राष्ट्रीयकृत बैंकों की कृषि अधिकारी परीक्षा में बैठा जा सकता है। कृषि उत्पादों से संबंधित स्वयं का व्यापार भी प्रारंभ किया जा सकता है। बिजनेस में होने वाला कृषि क्षेत्र एग्रीबिजनेस मैनेजर्स के लिए अच्छे मौके उपलब्ध करवा रहा है। अब कृषि उत्पादन के व्यवसायीकरण, प्राइस प्रमोशन, प्रोसेसिंग और क्वालिटी स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए उच्चस्तरीय टेक्नोलॉजी और प्रोफेशनल योग्यता की जरूरत होती है, जिससे ग्लोबल मार्केट में जगह बनाई जा सके। एग्रीबिजनेस में एमबीए की डिग्री इस क्षेत्र में कदम जमाने में आपकी मदद कर सकती है। एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट क्या हैः एग्रीबिजनेस में वे सभी गतिविधियां शामिल होती हैं, जो विशिष्ट वस्तुओं और नेचुरल फाइबर्स की सप्लाई में योगदान देती हैं। खाद्य वस्तुओं के प्रॉडक्शन से लेकर पैकेजिंग तक फूड चेन के हर स्तर पर एग्रीबिजनेस अहम भूमिका निभाता है। इसे टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव और उपभोक्ता की मांग के अनुसार रूप बदलते बाजारों के साथ चलना होता है। यहां स्टूडेंट, बिजनेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, फाइनेंस, सेल्स और संबंधित उद्योग की समझ हासिल करते हैं| एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट में ज्यादातर कोर्स मास्टर अथवा पीजी डिप्लोमा लेवल के हैं। इसलिए संबंधित कोर्स में प्रवेश का रास्ता तभी खुलता है, जब छात्र एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर आदि संबंधित विषयों में ग्रेजुएट हों। एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट कृषि क्षेत्र के छात्रों के लिए एक लोकप्रिय कोर्स बनता जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रोफेशनल्स को न सिर्फ मैनेजमेंट की जरूरतों को पूरा करने का अवसर मिलता है बल्कि वे कृषि परिदृश्य में बदलाव लाकर किसानों के लिए काफी सहायक भी साबित होते हैं। एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट मे क्या पढ़ना होगाः एग्रीबिजनेस में एमबीए में मैनेजमेंट के सभी मूल कोर्सेज को शामिल किया गया है, जैसे ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, अकाउंटिंग और इस क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञता के कोर्सेज। एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कहां से करें ः इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उत्तरप्रदेश , बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, उत्तरप्रदेश , इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट, बीकानेर, राजेन्द्र एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बिहार आदि संस्थानों से आप पढ़ाई कर सकते हैं। एग्रीबिजनेस में एमबीए मे कौन से कोर्स करेंः विभिन्न संस्थाओं में एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री को अलग-अलग नाम दिए गए हैं, जैसे एमबीए (एग्रीबिजनेस), मास्टर्स इन एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट (एमएबीएम) और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम इन एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट (पीजीपी एग्रीबिजनेस) दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मिलता ह

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