यूलिन,चीन 28 जून (अनुपमा जैन,वीएनआई)दक्षिण-पश्चिम चीन में डॉग मीट या कुत्तों का मांस खाने का सालाना जश्न यानि डॉग मीट फेस्टीवल इस बार हुआ जरूर लेकिन चीन सहित दुनिया भर मे अब इस फेस्टिवल को ले कर विरोध के स्वर तेज हो रहे है.पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस बार इस फेस्टिवल के बारे मे काफी मुखर अभियान चलाया .चग्वांगशी प्रांत के यूलिन में हुए लाइची एंड डॉग मीट फेस्टिवल में इस वर्ष करीब दस हजार कुत्तों को इंसान ने अपनी जबान के जायके के लिये मारा.
एक तरफ काफी लोग इस सालाना जश्न् मे कुत्तो के मॉस को खास व्यंजन बता कर उसे खाने के लिये ललचाते रहे , वही अच्छी बात यह है कि हाल के कुछ सालों में चीन के पशु प्रेमियो ने कुत्तों की जान बचाने के लिए उन्हें खरीदना शुरू किया, और इस संबंध मेचलाये जा रहे अभियान को काफी जन समर्थन्भी मिल् रहा है। पशु प्रेमी हजारो युआन चुकाकर कुत्तों की जान भी बचा रहे है।यूलिन के लोगों और मांस बेचने वालों का कहना हालांकि कहना है कि कुत्तों को मानवीय तरीके से मारा जाता है।
इस फेस्टिवाल एक्जुट होने का अभियान चला रहे पशु प्रेमियो का कहना है कि कुत्तों को क्रूर मौत दी जाती है। इस पर्व के विरोध में शुरू की गई ऑनलाइन याचिका को करीब 38 लाख लोगों ने समर्थन दिया है। फेस्टीवल के विरोध में चलाए जा रहे अभियान को स्थानीय और विदेशी सितारों का भी समर्थन मिला है।. कुछ पशु प्रेमियो का कहना है कि पिछले साल के मुक़ाबले इस साल यूलिन महोत्सव में कुत्तों और बिल्लियों के मांस की काफ़ी कम दुकानें थीं. स्थानीय प्रशासन ने हालांकि इस फेस्टिवल से अपने को अलग बताने की कोशिश भी की है यूलिन शहर प्रशासन की ओर वीबो पर जारी अधिकारिक बयान में कहा गया है, \"यूलिन के कुछ नागरिक ग्रीष्मकालीन उत्तरायण के दिन कुत्तों का मांस खाने के लिए इकट्ठा होते हैं।\"बयान में कहा गया है कि यूलिन में कभी भी अधिकारिक रूप से यह पर्व नहीं मनाया गया है। इस तरह के विवादों से सरकार मुश्किल स्थिति में आ जाती है।
कुत्तों को खाने के इस पर्व को विदेशी मीडिया में नकारात्मक सुर्खियां मिलती हैं जिससे प्रशासन को शर्मसार होना पड़ता है। कुत्तों के मांस के व्यापार से जुड़े लोगों पर पालतू कुत्तों को चुराने के आरोप भी लगते रहे हैं।
चीन में कुत्तों को खाने की परंपरा लिखित इतिहास से भी पुरानी है लेकिन कुत्ते ऐसा भोजन नहीं है जिसे रोज खाया जाता हो. यह एक विशेष मांस होता है और माना जाता है कि यह खाने वालों को पौरूष, स्फ़ूर्ति और ताक़त देता है.
मोटे ऑकड़ो के अनुसार चीन में हर साल क़रीब 71 करोड़ सूअर और 4.8 करोड़ पशु खाने के लिए मारे दिए जाते हैं जबकि कुत्तों की संख्या इस तुलना में बहुत कम है. पशु अधिकार समूहों के मुताबिक सालाना क़रीब एक करोड़ कुत्ते खाए जाते हैं.
इस साल जब सालाना महोत्सव के लिए कुत्ते यूलिन लाए जा रहे कुत्तो पर निगरानी रखनी वाली संस्था ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल के अनुसार ऐसा कोई प्रमाण पत्र नहीं पाया जिससे पता चलता हो कि मांस खाने के लिए लाए जा रहे इन कुत्तों को किसी फ़ार्म में पाला गया हो. सोसायटी का कहना है \"ये सभी शहरी इलाक़ों से चुराए गए पालतू कुत्ते, ग्रामीण इलाक़ों के आवारा कुत्ते या सुरक्षा में लगाए जाने वाले कुत्ते भी हो सकते हैं\"
\' एनिमल एशिया\'नामक् संस्था की रोपोर्ट मे भी कहा गया है कि चीन में खाए जाने वाले ज़्यादातर कुत्ते चुराए जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया, \"कुत्तों को बड़े पैमाने पर पालने की मुश्किलें और फ़ायदे के लालच के कारण पालतू कुत्तों की चोरी और छीनने की घटनाएं बढ़ रही हैं.\"
लेकिन यह भी कहा गया हैं कि चीनी अधिकारियों पर पालतू कुत्तों की चोरी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का दबाव है और चीनी लोगों में भी कुत्ते खाने का विरोध बढ़ रहा है.इस वर्ष पिछले वर्ष के मुक़ाबले यूलिन महोत्सव में कुत्तों और बिल्लियों के मांस की काफ़ी कम दुकानें थीं. पिछले साल पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कुत्ते ले जा रहीं 18 लारियों को पकड़ा था और हजारो कुत्ते बचाए गए थे. वी एन आई